बंधुआ नहीं बनें ब्राह्मण, अपने हित और अहित पर करें विचार, प्रयागराज में बोले स्वामी महेशाश्रम

अरैल स्थित दंडी संन्यासी आश्रम में बुधवार को आयोजित दंडी संन्यासी सम्मेलन व गुरु उत्सव को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे महेशाश्रम ने कहा कि ब्राह्मण अपनी विद्वता त्याग व समर्पण के जरिए पुरातन काल से दुनिया को दिशा देते आए हैं

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 07:00 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 07:00 AM (IST)
बंधुआ नहीं बनें ब्राह्मण, अपने हित और अहित पर करें विचार, प्रयागराज में बोले स्वामी महेशाश्रम
दंडी संन्यासियों ने युवा ब्राह्मणों को संन्यास दिलाने पर दिया जोर

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। 2022 में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके पहले राजनीतिक दलों में ब्राह्मणों को रिझाने की होड़ मची है। वो ब्राह्मणों को वोटबैंक के रूप में देख रहे हैं, जो अनुचित है। ब्राह्मण फौरी लाभ के लिए किसी राजनीतिक दल का बंधुआ न बनें, बल्कि अपनी आने वाली पीढिय़ों के हित व अहित को ध्यान में रखकर किसी का समर्थन तथा विरोध करने का मन बनाएं। उक्त बातें अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद के संरक्षक जगद्गुरु स्वामी महेशाश्रम ने कही।

ब्राह्मण भूखा रह लेगा लेकिन किसी के आगे झुकता नहीं

अरैल स्थित दंडी संन्यासी आश्रम में बुधवार को आयोजित 'दंडी संन्यासी सम्मेलन व गुरु उत्सव को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे महेशाश्रम ने कहा कि ब्राह्मण अपनी विद्वता, त्याग व समर्पण के जरिए पुरातन काल से दुनिया को दिशा देते आए हैं। ब्राह्मण भूखा रह लेगा लेकिन किसी के आगे झुकता नहीं है। उन्होंने कहा कि वेद, पुराण, संस्कृत, ज्योतिष व कर्मकांड ब्राह्मणों के अस्तित्व से जुड़े हैं। इसके बावजूद साजिश के तहत इन्हें शिक्षा से बाहर कर दिया गया। अंगे्रजी के नाम पर मौजूदा पीढ़ी को पाश्चात्य संस्कृति पढ़ाई जा रही है। इससे हमारा धर्म, संस्कृति व सभ्यता लुप्त हो जाएंगे, लेकिन राजनीतिक दल इसकी बात नहीं करते। स्वामी रामाश्रम व स्वामी चंद्रदेव आश्रम ने कहा कि दंडी संन्यासी ही आदिशंकराचार्य के संकल्पों पर चलते हुए सनातन धर्म व संस्कृति को संरक्षित कर रहे हैं, लेकिन उनकी घटती संख्या चिंताजनक है। स्वामी सूर्याश्रम व स्वामी ज्ञानेश्वर आश्रम ने गरीब ब्राह्मण के बच्चों व युवाओं को दंड धारण कराकर संन्यास दिलाने पर जोर दिया। इस दौरान प्रदीप पांडेय, दीपक शुक्ल, रासबिहारी मिश्र, राजेंद्र शुक्ल, दिनेश मिश्र आदि मौजूद रहे।

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