BPCL Prayagraj: 1969 से क्रियाशील फैक्ट्री को पूरी तरह बंद करने की प्रक्रिया शुरू

बीते साल 12 दिसंबर को बीपीसीएल बंद करने के लिए कैबिनेट सचिव की बैठक में निर्णय लिया गया था। इसके बावजूद कंप्रेशर पंप का निर्माण किया जाता रहा। अप्रैल माह में ही कंपनी ने सात करोड़ रुपये कीमत के पंप की आपूर्ति की थी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 04:07 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 04:07 PM (IST)
BPCL Prayagraj: 1969 से क्रियाशील फैक्ट्री को पूरी तरह बंद करने की प्रक्रिया शुरू
ऑक्सीजन सिलिेंडर व उच्‍चकोटि के पंप कंप्रेशर बनाने वाली बीपीसीएल को पूरी तरह से बंद करने की प्रक्रिया शुरू है।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज की औद्योगिक नगरी में 1969 में स्थापित जिस कंपनी ने देश-विदेश में ऑक्सीजन सिलिेंडर व पंप कंप्रेशर बनाकर नाम कमाया था। उच्चकोटि के कंप्रेशर पंप की आपूर्ति करने वाली भारत पंप एंड कंप्रेसर्स लिमिटेड (बीपीसीएल) को पूरी तरह बंद किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यहां के 69 कर्मचारियों को रिलीव कर दिया गया। शेष बचे कर्मचारियों को अगले हफ्ते सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा।

पिछले वर्ष कैबिनेट सचिव की बैठक में बीपीसीएल बंद करने का हुआ था निर्णय

बीते साल 12 दिसंबर को बीपीसीएल बंद करने के लिए कैबिनेट सचिव की बैठक में निर्णय लिया गया था। इसके बावजूद कंप्रेशर पंप का निर्माण किया जाता रहा। अप्रैल माह में ही कंपनी ने सात करोड़ रुपये कीमत के पंप की आपूर्ति की थी। वर्तमान में कंपनी के पास करीब 35 करोड़ रुपये का वर्कआर्डर है। कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान प्रदेश में ऑक्सीजन सिलिंडर के लिए बढ़ती मारामारी को देखते हुए इसे फिर से चालू करने के लिए कमिश्नर संजय गोयल और डीएम भानुचंद्र गोस्वामी ने प्रयास किए थे।

2500 आक्सीजन सिलेंडर बनाने का ऑर्डर भी दिया गया था

बीपीसीएल वर्ष 2012 तक आक्सीजन सिलिंडर बनाती रही थी। नए सिरे से यहां सिलिंडर बनाए जाने संबंधी प्रस्ताव भारत सरकार को उत्तर प्रदेश शासन के माध्यम से भेजा गया था। राज्य सरकार ने 27 अप्रैल को कंपनी को 2500 आक्सीजन सिलेंडर बनाने का ऑर्डर भी दिया गया था, इससे कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई थी। कर्मचारी जोशखरोश के साथ सालों से बंद पड़ी मशीनों को चालू कर ऑक्सीजन सिलिंडर बनाने भी जुटे थे।

सिलिंडर की सप्लाई पर अनिश्चितता के बादल

ब्यूरो आफ इंडियन स्टैैंडर्ड (बीआइएस) की ओर से लाइसेंस का रिनुअल मिलने के बाद आपूर्ति शुरू की जानी थी। पिछले शनिवार को उद्योग मंत्रालय से कर्मचारियों को शीघ्र रिलीव करने के आदेश निर्गत होने के बाद कर्मचारियों का उत्साह ठंडा पड़ गया। सोमवार को कंपनी के 69 कर्मचारियों को रिलीव आर्डर दिया गया। इससे निराशा दौड़ गई और कार्य ठप रहा। कहा जा रहा है कि शेष बचे कर्मचारियों को अगले हफ्ते तक रिलीव कर दिया जाएगा। ऐसे में मिले आर्डर के अनुरूप सिलिंडर की सप्लाई पर अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे हैैं।

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