Prayagraj में देहदानियों की बढ़ती जा रही है तादाद, उनके मृत शरीर से ज्ञान बढ़ाएंगे मेडिकल के छात्र

मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डा.एसपी सिंह बताते हैं कि मेडिकल के छात्रों को मानव शरीर की संरचना समझाने के लिए मृत देह की आवश्यकता होती है लेकिन एक दौर था जब हमारे पास मृत शरीर नहीं होते थे ऐसे में छात्रों को मुश्किल होती थी।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 05:16 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 05:16 PM (IST)
Prayagraj में देहदानियों की बढ़ती जा रही है तादाद, उनके मृत शरीर से ज्ञान बढ़ाएंगे मेडिकल के छात्र
कभी मृत देह की कमी से जूझ रहा मेडिकल कालेज का एनाटमी विभाग आज इसमें समृद्ध हो गया है।

प्रयागराज, जेएनएन। मेडिकल छात्रों को शरीर विज्ञान सिखाने के लिए कभी मृत देह की कमी से जूझ रहा मेडिकल कालेज का एनाटमी विभाग आज इस मामले में समृद्ध हो गया है। देहदानियों की संख्या हाल के वर्षों तेजी से बढ़ी है जिसका लाभ मेडिकल छात्रों को मानव शरीर की संरचना की पढ़ाई मेें मिलेगा।  

दस साल पहले तक मृत देह के लिए जूझ रहा था मेडिकल कॉलेज

मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डा.एसपी सिंह बताते हैं कि मेडिकल के छात्रों को मानव शरीर की संरचना समझाने के लिए मृत देह की आवश्यकता होती है लेकिन एक दौर था जब हमारे पास मृत शरीर नहीं होते थे ऐसे में छात्रों को मुश्किल होती थी।  कोई अपने परिजनों का मृत शरीर देने को तैयार नहीं होता था। इसको लेकर हम लोगों ने जागरूकता अभियान भी चलाया। लोगों से मिले और बताया कि मृत्यु होने के बाद शरीर की उपयोगिता नहीं रह जाती है। आप अपनी मृत देह हमें दानकर देंगे तो मेडिकल छात्रों की पढ़ाई हो सकेगी, मानव शरीर के अंगों की जानकारी कर वे किसी की जान को बचा सकेंगे। धीरे-धीरे लोगों को बात समझ में आने लगी और कुछ लोग मृत देह अर्पित करने को आगे आए भी।

दधीचि देहदान अभियान के तहत शहर में निकाली थी रैली

एनाटमी विभाग में मृत देह न होने के कारण 2011 से पहले एमबीबीएस के छात्रों को पढ़ाई में संकट का सामना करना पड़ा था। उनकी शरीर विज्ञान की व्यावहारिक पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। केवल मौखिक जानकारी देकर ही काम चलाया जा रहा था। तब मंडलायुक्त रहे मुकेश मेश्राम की मदद से युग दधीचि देह अभियान कानपुर के मनोज सेंगर और मेडिकल फैकेल्टी ने एमबीबीएस छात्रों के साथ शहर में जागरूकता रैली निकाली गई थी जिसके बाद एक मृत देह कानपुर से मिली थी। उस रैली का असर हुआ कि तबसे एनाटमी विभाग को मृत मानव देह की कमी नहीं हुई।

71 देह मिल चुकी हैं, 550 ने लिया है दान देने का संकल्प

मेडिकल कॉलेज के एनाटमी विभाग को मई 2011 से अब तक 71 मानव देह दान में मिल चुकी हैं जिसमें एक शरीर दो मार्च मंगलवार को ही मिला है। अभी विभाग के स्टोर में 14 मृत मानव देह सुरक्षित रखी हुई हैं जबकि 550 लोगों ने देहदान को पंजीकरण कराया है। डा. एसपी सिंह ने बताया कि प्रतिवर्ष सात-आठ मृत देह मिल जा रहे हैं जिससे छात्रों की पढ़ाई में दिक्कत नहीं हो रही है। लोग देहदान को जिस तरह से आगे आ रहे हैं, ऐसे में आगे भी दिक्कत नहीं आने वाली है।

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