Black Fungus: कुछ दिनों रही दहशत फिर सिमट गया फंगस, संक्रमण की दूसरी लहर के साथ पड़ा सुस्‍त

चिकित्सा विशेषज्ञों की मानें तो ब्लैक फंगस पर नियंत्रण इसलिए तेजी से हो गया क्योंकि मरीज समय रहते अस्पताल आ गए। उनका इलाज भी त्वरित गति से हो गया। पहला आपरेशन 19 मई को हुआ था जिसमें श्रावस्ती निवासी 32 वर्षीय मरीज की जान बचाने में सफलता मिली थी।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 06:30 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 04:35 PM (IST)
Black Fungus: कुछ दिनों रही दहशत फिर सिमट गया फंगस, संक्रमण की दूसरी लहर के साथ पड़ा सुस्‍त
कोविड की दूसरी लहर शांत पडऩे से अब फंगस की संभावना भी कम हो गई है।

प्रयागराज,जेएनएन। ब्लैक फंगस ने जिस तेजी से दहशत फैलाई उतनी ही जल्दी सिमट भी गया। राहत भरी खबर यह है कि एक महीने में स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में इसके 21 केस ही आ सके। 19 मई से ब्लैक फंगस के आपरेशन का जो सिलसिला शुरू हुआ था वह आठ मरीजों तक पहुंचा, शेष मरीजों की आंख में इंजेक्शन लगाए जा चुके हैं ताकि फंगस आगे न बढऩे पाए। कोविड की दूसरी लहर शांत पडऩे से अब फंगस की संभावना भी कम हो गई है।

एक महीने में एसआरएन में आए 21 मरीज, आठ का आपरेशन

चिकित्सा विशेषज्ञों की मानें तो ब्लैक फंगस पर नियंत्रण इसलिए तेजी से हो गया क्योंकि मरीज समय रहते अस्पताल आ गए। उनका इलाज भी त्वरित गति से हो गया। पहला आपरेशन 19 मई को हुआ था, जिसमें श्रावस्ती निवासी 32 वर्षीय मरीज की जान बचाने में सफलता मिली थी। फंगस की बीमारी कोविड मरीजों को दो सप्ताह या इससे अधिक दिनों तक लगातार आक्सीजन देते रहने और स्टेरायड अधिक दिए जाने से होती है। डिस्चार्ज होने के दो से तीन सप्ताह के बीच ब्लैक फंगस की आशंका रहती है। अब अस्पतालों में कोविड के गंभीर मरीज नहीं हैं और अधिकांश को डिस्चार्ज हुए एक माह से अधिक हो चुके हैं।

कोविड की दूसरी लहर शांत पडऩे के बाद फंगस भी हुआ सुस्त

स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय के नाक कान गला विभाग के डा. रामसिया सिंह कहते हैं कि ब्लैक फंगस के मरीज वैसे तो सप्ताह में एक या दो आ रहे हैं लेकिन जिस तरह से आशंका जताई जा रही थी उसकी अपेक्षा बड़ी राहत है कि फंगस आक्रामक रूप दिखाने से पहले ही सिमट गया।

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