बिखराव की राजनीति में माहिर है भाजपा, बोले विकासशील इंसान पार्टी के यूपी अध्यक्ष रामलौटन निषाद

रामलौटन निषाद ने कहा कि भाजपा की रणनीति रहती है कि या तो येन-केन-प्रकारेण अतिपिछड़ों अति दलितों को अपने पाले में किया जाय या इन्हें एकजुट नहीं होने दिया जाय। फिलहाल विकासशील इंसान पार्टी की निगाह निषाद वोट बैंक पर लगी है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 10:25 AM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 10:38 AM (IST)
बिखराव की राजनीति में माहिर है भाजपा, बोले विकासशील इंसान पार्टी के यूपी अध्यक्ष रामलौटन निषाद
विधानसभा चुनाव 2022 में निषाद/मछुआरा व अतिपिछड़ी जातियों की खास भूमिका रहेगी।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। विधानसभा चुनाव 2022 में निषाद/मछुआरा व अतिपिछड़ी जातियों की खास भूमिका रहेगी। सपा, बसपा, भाजपा में जो दल 60 प्रतिशत हिस्से को अपने पाले में करने में सफल होगा, वह दल पहले पायदान पर रहेगा। कई दल अतिपिछड़ों को अपने पाले में करने के प्रयास में जुटे हैं। दूसरी तरफ भाजपा बिखराव की राजनीति में माहिर है। यह कहना है विकासशील इंसान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लौटन राम निषाद का।

अपने पाले में नहीं कर पाती तो एकजुट होने से रोकती है भाजपा

पिछले दिनों प्रयागराज प्रवास के दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा की रणनीति रहती है कि या तो येन-केन-प्रकारेण अतिपिछड़ों, अति दलितों को अपने पाले में किया जाय या इन्हें एकजुट नहीं होने दिया जाय। फिलहाल विकासशील इंसान पार्टी की निगाह निषाद वोट बैंक पर लगी है। अब तक गाज़ीपुर, मिर्ज़ापुर, वाराणसी, आगरा, सुल्तानपुर, अम्बेडकर नगर/आज़मगढ़, बलिया, प्रयागराज, जौनपुर में रैली हो चुकी है। निषाद बहुल क्षेत्रों में यह रैलियां हुई हैं। गोरखपुर, अयोध्या,सिद्धार्थनगर/बस्ती, फतेहपुर, औरैया, बरेली/बदायूं, मुजफ्फरनगर/सहारनपुर, उन्नाव में भी इसी वोटबैंक को ध्यान में रखकर आरक्षण अधिकार जनचेतना रैली होनी है। बिहार में वीआइपी राजग गठबंधन की साझीदार है पर उत्तर प्रदेश में यह दल 169 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कर रहे हैं।

अब तक भाजपा के साथ रहे हैं निषाद वोटर

पिछले तीन चुनावों को देखा जाय तो निषाद वोटर बहुमत में भाजपा के साथ थे। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का पिछली बार भाजपा से गठबंधन था। मंत्रिमंडल से हटने के बाद उन्होंने दर्जन भर जातिगत आधारित छोटे छोटे दलों का गठबंधन भागीदारी संकल्प मोर्चा के नाम से बनाया। अब देखना होगा कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव इस मोर्चा के मित्र दलों को कैसे साधते हैं। एआईएमआईएम को भाजपा की बी टीम कहा जाता है, जो मोर्चा के साथ दिखे थे। अब देखना होगा कि ओवैसी का अगला निर्णय क्या होता है। राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव व सामाजिक न्याय चिंतक लौटन राम निषाद ने मिशन-2022 में अतिपिछड़ों की भूमिका के सम्बन्ध में कहा कि-अतिपिछड़े ही 2022 में निर्णायक रहेंगे। अतिपिछड़ों का जिसको साथ, यूपी की सत्ता उसके हाथ।

chat bot
आपका साथी