भाजपा चिकित्‍सा प्रकोष्‍ठ संयोजक बोले- भाजपा के शासन में राष्ट्रवादी ताकतें मजबूत हुईं

भारतीय जनता पार्टी के चिकित्‍सा प्रकोष्‍ठ के संयोजक ने विपक्ष को भी आड़े हाथों लिया। उन्‍होंने कहा कि इन सब के साथ विपक्ष भी बेनकाब हुआ है। तमाम काले कारनामे उजागर हुए हैं। यही वजह है कि शोरशराबा हो रहा है। कानून व्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 09:04 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 09:04 AM (IST)
भाजपा चिकित्‍सा प्रकोष्‍ठ संयोजक बोले- भाजपा के शासन में राष्ट्रवादी ताकतें मजबूत हुईं
भाजपा चिकित्‍सा प्रकोष्‍ठ के संयोजक ने भाजपा शासनकाल की उपलब्धियां गिनाईं और विपक्ष पर कटाक्ष किया।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। भाजपा के शासन में गो तस्करी पर रोक लगी। गोवंश हत्या भी बंद हुई। अपराधियों पर भी अंकुश लगा। इन सब के साथ भाजपा के शासन में राष्ट्रवादी ताकतें मजबूत हुईं। इसके बाद भी विपक्ष पूछ रहा है कि क्‍या हुआ। यह कहना है भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के संयोजक डा. एलएस ओझा का। उन्होंने कहा कि देश में राष्ट्रवादी ताकतों को बल मिला है। विघटनकारी शक्तियां कमजोर हुई हैं।

भाजपा नेता डाक्‍टर एलएस ओझा बोले कि विपक्ष भी बेनकाब हुआ

भारतीय जनता पार्टी के चिकित्‍सा प्रकोष्‍ठ के संयोजक ने विपक्ष को भी आड़े हाथों लिया। उन्‍होंने कहा कि इन सब के साथ विपक्ष भी बेनकाब हुआ है। तमाम काले कारनामे उजागर हुए हैं। यही वजह है कि शोर शराबा हो रहा है। कानून व्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। वैश्विक परिदृष्य में भी देश सशक्त होकर उभरा है। पूरी दुनिया लोहा मान रही है लेकिन विपक्ष हर बात को नकार रहा है। यह विपक्ष की नकारात्मक भूमिका है।

रक्षा के क्षेत्र में देश आगे बढ़ा : विभवनाथ भारती

भारतीय जनता पार्टी के यमुनापार जिलाध्यक्ष विभवनाभ भारती ने कहा कि भाजपा सरकार में देश ने रक्षा के क्षेत्र में बहुत प्रगति की। इसकी वजह यह रही कि सभी संस्थानों को खुलकर कार्य करने का अवसर मिला। आवश्यक बजट भी मुहैया कराए गए। अब तो देश तमाम उत्पादों के बाजार पर भी कब्जा कर रहा है। हम सब आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहे हैं।

बोले, विपक्ष को सिर्फ नकारात्‍मक बातें करनी हैं

यमुनापार जिलाध्‍यक्ष ने कहा कि इसके बाद भी विपक्ष को सिर्फ नकारात्मक बातें करनी हैं। ऐसा इसलिए कि वह कुर्सी से दूर नहीं रहना चाहते। अब तक वह अपनी कुर्सी के लिए देश के हित से समझौता करते आए। लोगों के साथ तुष्टीकरण की नीति अपना कर काम करते रहे। यह नीति तात्कालिक तौर पर तो लाभप्रद लगती है लेकिन वास्तव में यह जाड़ों को खोखला करने जैसा कदम है।

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