भाजपा की मुख्य सचेतक पार्षद ने कहा- डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए यूजर चार्ज जनता से न वसूले नगर निगम
मुख्य सचेतक पार्षद ने भाजपा महानगर अध्यक्ष गणेश केसरवानी को ज्ञापन देने हुए डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए यूजर चार्ज जनता से न वसूलने का आग्रह किया। कहा कि कंपनी के लिए 12 करोड़ रुपये का वाहन खरीदने के लिए नगर निगम द्वारा निविदा आमंत्रित की गई है।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज नगर निगम में खींचतान तेज हो गई है। भाजपा की मुख्य सचेतक पार्षद किरन जायसवाल ने निगम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कहा है कि निजी कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए कार्य किए जा रहे हैं। मुख्य रूप से डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाली कंपनी के पक्ष में सभी खड़े दिख रहे हैं, जबकि आम जनता पर अनावश्यक रूप से आर्थिक बोझ डाला जा रहा है। पार्षद ने 15वें वित्त का धन दुरुपयोग करने का भी आरोप मढ़ा है। कहा है कि निजी कंपनी को निगम के पैसे से वाहन खरीदने की तैयारी है। इस संबंध में भाजपा महानगर अध्यक्ष एवं मंडलायुक्त को ज्ञापन भी सौपा।
भाजपा महानगर अध्यक्ष को सौंपा ज्ञापन
मुख्य सचेतक पार्षद ने भाजपा महानगर अध्यक्ष गणेश केसरवानी को ज्ञापन देने हुए डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए यूजर चार्ज जनता से न वसूलने का आग्रह किया। कहा कि कंपनी के लिए 12 करोड़ रुपये का वाहन खरीदने के लिए नगर निगम द्वारा निविदा आमंत्रित की गई है। इसकी अंतिम तिथि 25 मई है। निविदा में गलियों के अंदर डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए वाहन के खरीदने के लिए टेंडर आमंत्रित किया गया है। निविदा में धरोहर राशि 24 लाख है और 2 प्रतिशत के हिसाब से 12 करोड़ का वाहन अपने खर्च पर नगर निगम कंपनी को दे रही है।
डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन वाले यूजर चार्जेस के लिए जनता से झगड़ा कर रहे
उन्होंने कहा कि नगर निगम द्वारा डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन कंपनी को जेसीबी, मैजिक लोडर, डंपर पहले ही नगर निगम उपलब्ध करा चुका है। यह भी कहा कि कोई भी फार्म किसी भी सरकारी विभाग में कार्य करती है, 10 प्रतिशत सिक्योरिटी मनी एफडीआर के रूप में जमा करती है। हालांकि नगर निगम इस कंपनी के लिए उल्टा कर रहा है। इस करोना काल में भी गली गली डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन वाले यूजर चार्जेस के लिए जनता से झगड़ा कर रहे हैं। इससे भारतीय जनता पार्टी की छवि खराब होने के साथ-साथ समाज में वैमनस्य का माहौल पैदा हो रहा है।
निविदा पर रोक लगाने की मांग
पार्षद ने यह भी मांग की है कि तत्काल नगर निगम द्वारा २५ तारीख को आमंत्रित निविदा को रोकी जाए। प्राइवेट कंपनी के लिए नगर निगम इतना धन कैसे खर्च कर सकता है। साधन संसाधन धन जब सब नगर निगम का है तो प्राइवेट कंपनी को जनता से वसूली की अनुमति क्यों प्रदान की जा रही है।