सरकारी किताबों में अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म तिथि ही गलत

उसमें जन्म तारीख दो दिसंबर 1924 लिखी गई है, जबकि अटल जी की वास्तविक जन्म तारीख 25 दिसंबर 1924 है।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Wed, 19 Sep 2018 10:42 PM (IST) Updated:Thu, 20 Sep 2018 08:21 AM (IST)
सरकारी किताबों में अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म तिथि ही गलत
सरकारी किताबों में अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म तिथि ही गलत

इलाहाबाद (जेएनएन)। महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेने के लिए पाठ्यक्रम में उनकी जीवनी शामिल करने की सरकार की मंशा अपने पहले ही कदम पर बेसिक शिक्षा परिषद की लापरवाही की भेंट चढ़ गई। हाल यह है कि कक्षा छह की पुस्तक में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिवस तक गलत प्रकाशित कर दिया है। अब यह बात सामने आने के बाद अफसरों में हड़कंप मचा है। उनके जन्म की तारीख सही कराने को कड़े निर्देश जारी हुए हैं।


परिषद के उच्च प्राथमिक स्कूलों में कक्षा छह में मंजरी पुस्तक के पाठ संख्या 21 में अटल जी की कविता 'आओ फिर से दिया जलाएं के पृष्ठ संख्या 113 पर अटलजी की जीवनी अंकित है। उसमें जन्म तारीख दो दिसंबर 1924 लिखी गई है, जबकि अटल जी की वास्तविक जन्म तारीख 25 दिसंबर 1924 है। राष्ट्रीय पाठ्य पुस्तक सत्र 2018-19 में इस तरह की खामी मिलने की सूचना अफसरों को हुई तो हड़कंप मच गया। परिषद की सचिव रूबी सिंह ने प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किया है कि वे अपने जिले के सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के माध्यम से अविलंब जन्म तारीख में संशोधन करा दें। यह कार्य अनिवार्य रूप से तत्काल कराने को कहा गया है।

बेसिक शिक्षा निदेशक करेंगे जांच : बेसिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव डा. प्रभात कुमार ने सरकारी किताबों में अटलजी का जन्मदिवस गलत दर्ज होने पर सख्त रुख अपनाया है। बेसिक शिक्षा निदेशक डा. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह को पूरे मामले की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। डा. कुमार ने बताया कि अटलजी के पाठ से संबंधित सामग्री हिंदी संस्थान वाराणसी ने मुहैया कराई थी। शुरुआती जांच में प्रिंटिंग दोष नहीं मिला है, बल्कि सामग्री में ही गलत तारीख अंकित किए जाने का मामला सामने आया है।

अब सभी किताबों की जांची जाएगी प्रूफ रीडिंग
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि परिषद में इस बार एनसीईआरटी यानी राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद का पाठ्यक्रम लागू हुआ है। शिकायतें मिलीं हैं कि किताबों में वर्तनी व अन्य गलतियां हैं, इसके लिए कक्षा एक से लेकर आठ तक की सभी विषयों की किताबों की प्रूफ रीडिंग कराने के निर्देश दिए गए हैं ताकि गल्तियों को सुधारा जा सके।

नई किताबों के बदल गए पाठ

स्कूलों में आधा सत्र बीत रहा है। जल्द ही परीक्षाओं का एलान होने वाला है। सरकारी स्कूलों में अब किताबें पहुंची हैं। जिसमें कई विषयों में नई किताबों के शीर्षक बदले हुए हैं। शिक्षक परेशान हैं कि अब यह सब बच्चों को कैसे पढ़ाया जाए, क्योंकि अब तक की पढ़ाई पुरानी किताबों से चल रही थी। कक्षा छह से आठ तक की किताबों में कई विषयों के अंदर नए अध्याय जोड़े गए हैं। कक्षा छह व सात की अंग्रेजी की किताब में अधिकांश अध्याय बदले हुए हैं, जबकि कक्षा आठ में सिर्फ एक अध्याय को छोड़ बाकी सभी अध्याय बदल गए हैं। विज्ञान में 15 में से सात नए अध्याय जोड़े गए हैं, ऐसा ही हाल अन्य किताबों का भी है। 

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