Mahant Narendra Giri Death: महंत नरेंद्र गिरि को भू-समाधि और शिष्य आनंद गिरि व आद्या तिवारी को भेजा गया जेल

Mahant Narendra Giri Death अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि बुधवार दोपहर श्री मठ बाघम्बरी गद्दी परिसर में समाधिस्थ होकर अमरत्व को प्राप्त हो गए। भू-समाधि दिए जाने की प्रक्रिया पूरी होने के कुछ देर बाद महंत के शिष्यों योगगुरु आनंद गिरि तथा आद्या तिवारी को जेल भेज दिया गया।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 09:08 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 10:25 PM (IST)
Mahant Narendra Giri Death: महंत नरेंद्र गिरि को भू-समाधि और शिष्य आनंद गिरि व आद्या तिवारी को भेजा गया जेल
महंत नरेंद्र गिरि को भू-समाधि और शिष्य आनंद गिरि व आद्या तिवारी को जेल भेजा गया।

प्रयागराज [सुरेश पांडेय]। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि बुधवार दोपहर श्री मठ बाघम्बरी गद्दी परिसर में समाधिस्थ होकर अमरत्व को प्राप्त हो गए। अंतिम विदाई भावपूर्ण रही। सैकड़ों संतों के साथ ही उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी इसमें शामिल हुए। भू-समाधि दिए जाने की प्रक्रिया पूरी होने के कुछ देर बाद महंत की आत्महत्या के आरोपित शिष्यों योगगुरु आनंद गिरि तथा आद्या तिवारी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में शाम छह बजे के आसपास नैनी सेंट्रल जेल में सीखचों के पीछे डाल दिया गया। पेशी जबर्दस्त गहमागहमी के बीच हुई। सीजेएम कोर्ट में इतनी भीड़ थी कि कुर्सी तक टूट गई। आद्या के बेटे संदीप को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। उत्तराधिकारी का फैसला नहीं हो सका है।

सुबह आठ से 10:30 बजे तक ढाई घंटे स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम के बाद महंत नरेंद्र गिरि की पार्थिव देह श्री मठ बाघम्बरी गद्दी लाई गई। निरंजनी अखाड़े के पंचों ने शरीर में चंदन का लेप लगाकर भगवा वस्त्र, रुद्राक्ष की माला पहनाकर उनके बाल संवारे। फिर फूलों से सजे वाहन में पार्थिव शरीर विराजमान कर अंतिम यात्रा निकाली गई। ढोल-ताशा, घंटा-घड़ियाल व शंख वादन के बीच स्वातिवाचन करते हुए बटुकों का वाहन आगे था, जबकि संत व श्रद्धालु पैदल महंत का जयकारा लगाते हुए बढ़ रहे थे। वाहन में अखाड़ा परिषद महामंत्री महंत हरि गिरि, केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, श्री निरंजनी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रवींद्र पुरी, श्रीमहंत बलवीर गिरि, श्रीमहंत नारायण गिरि व नरेंद्र गिरि के करीबी शिष्य थे।

सबसे आगे नरेंद्र गिरि का चित्र था। मार्ग में जगह-जगह लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। अलोपीबाग, बांध होते हुए अंतिम यात्रा दोपहर 1.20 बजे वाहन संगम नोज पहुंची। यहां मंत्रोच्चार के बीच पार्थिव देह पर संगम का जल छिड़क मिट्टी रखी गई। दोपहर 1.42 बजे बंधवा स्थित लेटे हनुमान जी मंदिर के बाहर सड़क पर आरती हुई। पार्थिव शरीर पर हनुमान जी का ङ्क्षसदूरी टीका लगाया गया। श्री मठ बाघम्बरी गद्दी में गुरु श्रीमहंत भगवान गिरि की समाधि के बगल में नीबू के पेड़ के नीचे दोपहर 2.22 बजे समाधि की प्रक्रिया शुरू हुई। यह तीन बजे तक चली। समाधि वाली जगह में नमक, चीनी रखकर भगवा आसन बिछाया गया। फिर ध्यान मुद्रा में पार्थिव शरीर को समाधि दी गई। इस दौरान यजुर्वेद संहिता के दूसरे अध्याय के 16 मंत्रों का क्रमवार वाचन होता रहा।

समाधि में रखी गई यह वस्तुएं : फल, पुष्प, जलता हुआ दीपक, रामायण व गीता की किताब, कमंडल, माला, गाय का दूध, पंचमेवा, नैवेद्य, अबीर-गुलाल, चंदन, गुलाब की माला पीला व लाल पुष्प। भस्म लगाकर गड््ढे को हर-हर महादेव, जय श्रीराम का उद्घोष करते हुए बंद किया गया।

तीसरे आरोपित की भी गिरफ्तारी : महंत नरेंद्र गिरि की सोमवार शाम संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। वह श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के विश्राम गृह स्थित कमरे में नायलान की रस्सी से बनाए गए फंदे से पंखे के चुल्ले से लटकते मिले थे। मौके से सुसाइड नोट मिला था। यह मंगलवार को सार्वजनिक हुआ। इसमें शिष्य योग गुरु आनंद गिरि, हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी, उनके बेटे संदीप तिवारी को मौत के लिए जिम्मेदार बताया गया है। दो आरोपितों की गिरफ्तारी मंगलवार को ही दर्शा दी गई थी। एसआइटी अध्यक्ष अजीत सिंह ने शाम छह बजे तीसरे आरोपित संदीप की गिरफ्तारी की पुष्टि की।

पोस्टमार्टम में मिले आत्महत्या के संकेत : पांच डाक्टरों के पैनल ने वीडियोग्राफी के बीच पोस्टमार्टम किया। इसमें हैंगिंग (फंदे से लटकने) की बात पुष्ट हुई है। गले में बाइट (सफेद रंग का पदार्थ) मिली है जबकि मुंह में थूक (स्लाइवा)। गला दबाए जाने की स्थिति में क्लाटिंग होती है, महंत के साथ ऐसा नहीं है। पैनल ने अपनी रिपोर्ट सीएमओ को दे दी है।

पंच परमेश्वर ने संभाली कमान : श्री मठ बाघम्बरी गद्दी, हनुमान मंदिर की कमान निरंजनी अखाड़े के पंच परमेश्वर ने संभाल ली है। उत्तराधिकारी के रूप में किसी की घोषणा नहीं हो सकी है। अनुमान था कि कथित सुसाइड नोट में लिखी गई महंत की इच्छा के अनुरूप बलवीर गिरि को यह दायित्व सौंपा जाएगा, परंतु ऐसा नहीं हुआ।

बोले केशव- नहीं हो रहा खुदकुशी पर यकीन : अंतिम यात्रा में शामिल हुए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें इस बात पर यकीन नहीं हो रहा है कि महंत आत्महत्या कर सकते हैैं। मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा कि हमें एसआइटी की जांच पर यकीन रखना चाहिए। गुनहगार अपने किए की सजा पाएंगे।

अखाड़ा परिषद ने अपनी अलग जांच बैठाई : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने प्रकरण की जांच अपने स्तर पर भी शुरू कर दी है। महामंत्री महंत हरि गिरि ने बताया कि हम अपने स्तर पर भी जांच करा रहे हैैं। इसमें जो तथ्य आएंगे उसे पुलिस से साझा किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि गृहमंत्री अमित शाह खुद जांच पर नजर रखे हुए हैैं।

सुसाइड नोट पर संतों को संदेह बरकरार : पुलिस महंत के बिस्तर के पास 12 पेज का सुसाइड नोट मिलने का दावा कर रही है, लेकिन संतों को इस पर विश्वास नहीं है। श्री निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि का कहना था कि नरेंद्र गिरि ऐसा नहीं लिखते थे। इसे किसी पढ़े लिखे व्यक्ति ने लिखा है। हर पेज की लिखावट व हस्ताक्षर अलग-अलग है। इससे शक है। पूर्व सांसद व रामजन्म भूमि आंदोलन से जुड़े संत राम विलास वेदांती ने भी इसी तरह की बात की। उन्होंने मुख्यमंत्री से सीबीआइ जांच कराने का आग्रह किया।

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