भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने दिया Allahabad University में छात्रसंघ बहाली आंदोलन को समर्थन

लंबे वक्त से छात्र संघ को बहाल करने के लिए अनशन कर रहे आंदोलन कारी छात्रों का उत्साह भीम आर्मी के चीफ का साथ मिलने से और बढ़ गया है। उन्हें आस है कि देर सवेर उनकी मांग पूरी की जाएगी और छात्र संघ को बहाल किया जाएगा।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 07:50 AM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 07:50 AM (IST)
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने दिया Allahabad University में छात्रसंघ बहाली आंदोलन को समर्थन
​​​​​भीम आर्मी चीफ ने कहा कि मांग न पूरी होने पर आंदोलन को बनाएंगे प्रदेशव्यापी

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में छात्र संघ बहाली की मांग कर रहे छात्र नेताओं को समर्थन देने के लिए रविवार को अनशन स्थल पर भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर भी पहुंचे। भरोसा दिलाया कि छात्र संघ बहाली आंदोलन में वह भी साथ हैं। शासन ने सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया तो वह भी धरने पर बैठेंगे। यह धरना 425 दिनों से चल रहा है। आंदोलन रत छात्र लगातार मांग कर रहे हैं कि छात्रसंघ की बहाली की जाए लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन से उन्हें सकारात्मक जवाब नहीं मिल रहा है।

आंदोलनकारी छात्रों को न प्रताडित करने की भी दी हिदायत

छात्र संघ बहाली के लिए आंदोलन कर रहे छात्रों से मिलने से पहले भीम आर्मी चीफ ने शहीद लाल पद्मधर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उसके बाद अस्पताल में भर्ती आंदोलन का नेतृत्व कर रहे छात्र नेता अजय यादव सम्राट से फोन पर बात की। छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार नहीं चाहती कि गांव गरीब खेत खलिहान मजदूर का बेटा आगे बढ़े। चेतावनी दी कि किसी भी छात्रनेता को यदि प्रताडि़त किया गया तो ठीक नहीं होगा। छात्रों में जोश भरते हुए कहा कि इस आंदोलन को प्रदेशव्यापी बनाएंगे।

बढ़ गया है आंदोलन कारी छात्रों का उत्साह

पिछले डेढ़ साल से भी लंबे वक्त से छात्र संघ को बहाल करने के लिए अनशन कर रहे आंदोलन कारी छात्रों का उत्साह भीम आर्मी के चीफ का साथ मिलने से और बढ़ गया है। उन्हें आस है कि देर सवेर उनकी मांग पूरी की जाएगी और छात्र संघ को बहाल किया जाएगा। इस दौरान अजमल खान, विनय सागर, वंदना सोनकर, अरविंद सोनकर, निर्मल राव, पूनम कोरी, शिव अंबेडकर आदि मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि इसके पहले भी कई नेता शहर आकर आंदोलन कर रहे छात्रों से मिलने पहुंचे और उनके आंदोलन का समर्थन किया। ऐसे में छात्रसंघ की बहाली की उम्मीद को हवा मिलती रहती है।

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