Bharat Pumps and Compressors Limited: आक्सीजन सिलिंडर सप्लाई के लिए प्रयागराज की बीपीसीएल को लाइसेंस जल्द मिलेगा

कोरोना के संकट काल में आक्सीजन सिलिंडरों की जरूरत हुई तो नैनी में बंद कंपनी बीपीसीएल ने नए सिलिंडर बनाने को वादा किया। इसलिए प्रदेश सरकार ने कंपनी को ढाई हजार सिलिंडर सप्लाई करने के लिए आर्डर दे दिया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 07:05 AM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 07:41 AM (IST)
Bharat Pumps and Compressors Limited: आक्सीजन सिलिंडर सप्लाई के लिए प्रयागराज की बीपीसीएल को लाइसेंस जल्द मिलेगा
भारत पंप्स एंड कंप्रेशर लिमिटेड (बीपीसीएल) को आक्सीजन सिलिंडर की सप्लाई के लिए जल्द लाइसेंस मिल सकता है।

प्रयागराज, जेएनएन। भारत पंप्स एंड कंप्रेशर लिमिटेड (बीपीसीएल) को आक्सीजन सिलिंडर की सप्लाई के लिए जल्द लाइसेंस मिल सकता है। इसके लिए इस हफ्ते के आखिर में ब्यूरो और इंडियन स्टैंडर्ड (बीआइएस) की टीम कंपनी आएगी और मशीनों व निर्मित सिलिंडरों की जांच करेगी। उनकी जांच रिपोर्ट के बाद लाइसेंस मिलेगा और फिर सिलिंडरों की सप्लाई शुरू हो जाएगी।

प्रयागराज के नैनी में बंद बीपीसीएल में रौनक

कोरोना के संकट काल में आक्सीजन सिलिंडरों की जरूरत हुई तो नैनी में बंद कंपनी बीपीसीएल ने नए सिलिंडर बनाने को वादा किया। इसलिए प्रदेश सरकार ने कंपनी को ढाई हजार सिलिंडर सप्लाई करने के लिए आर्डर दे दिया। प्रदेश सरकार ने 27 अप्रैल को आर्डर दिया था। सार्वजनिक क्षेत्र की इस कंपनी में 2012 के बाद से आक्सीजन सिलिंडर बनने बंद हो गए थे। अब नए सिरे सभी मशीनों को चलाने में भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। सिलिंडर बनाने में करीब आठ मशीनें लगती हैं। कई मशीनों को चलाने के लिए दूसरे राज्यों से सामान भी मंगवाया गया। सिलिंडर बनने के लिए एक्सपर्ट पुराने कर्मचारियों को बुला लिया गया। पुरानी मशीनों को शुरू करने पर कई कमियां निकल रही हैं। उसे लगातार दुरुस्त किया जा रहा है।

बीपीसीएल कंपनी प्रबंधन का यह कहना है

बीपीसीएल कंपनी प्रबंधन ने बताया कि अब तक लगभग सभी मशीनें चला ली गई हैं। सिलिंडर बनने लगे हैं। लगातार काम चल रहा है। कुछ सिलिंडर तैयार होने के बाद ही बीआइएस की टीम आएगी। वह टीम जांच करके लाइसेंस देगी और फिर निर्मित सिलिंडरों की सप्लाई शुरू कर दी जाएगी।

बोले, प्रयागराज के कमिश्‍नर

कमिश्‍नर संजय गोयल कहते हैं कि बीपीसीएल में सालों से बंद मशीनों को शुरू करने में कंपनी प्रबंधन को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। मशीनें चलीं तो कई फाल्ट निकले। कर्मचारी लगातार उसे ठीक कर रहे हैं। 14 या 15 मई को बीआइएस की टीम आ सकती है। वह टीम जांच के बाद लाइसेंस देगी।

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