Cyber Criminals से सावधान रहें, नए हथकंडे अपनाकर साइबर शातिर लोगों को बना रहे अपना शिकार
ओटीपी की बात कहने पर लोग भी समझते हैं कि फोन करने वाला सामान्य व्यक्ति है इसलिए वे अपने मोबाइल से दस रुपये का ऑनलाइन भुगतान कर देते हैं। इसके बाद उनके खाते से पूरी रकम साइबर अपराधियों द्वारा निकाल ली जाती है।
प्रयागराज, जेएनएन। साइबर शातिर अब नए-नए हथकंडे अपनाकर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। आप सावधान रहें, क्योंकि लोग भी साइबर अपराधियों के झांसे में आ जा रहे हैं। खाते से रुपये निकल जाने के बाद लोगों को पता चलता है कि उनका खाता खाली हो गया है। इसे लेकर साइबर सेल द्वारा वेबसाइट पर लोगाें को जागरुक करने के लिए तमाम प्रकार से समझाया जा रहा है, बावजूद इसके साइबर शातिर लोगों काे शिकार बना रहे हैं।
लिंक क्लिक करते ही निकल जाते हैं रुपये
साइबर शातिर अब लोगों को तमाम तरीके से लुभावनी योजना बनाते हैं। वे साफ कहते हैं कि कोई ओटीपी अपने मोबाइल नंबर पर नहीं जाएगा। बस अपने मोबाइल से ऑनलाइन दस रुपये का भुगतान करना पड़ेगा। ओटीपी की बात कहने पर लोग भी समझते हैं कि फोन करने वाला सामान्य व्यक्ति है, इसलिए वे अपने मोबाइल से दस रुपये का ऑनलाइन भुगतान कर देते हैं। इसके बाद उनके खाते से पूरी रकम निकाल ली जाती है।
झारखंड के शातिर वारदात को दे रहे अंजाम
साइबर शातिरों का गिरोह झारखंड का है। वहीं बैठे-बैठे वह पूरा खेल करते हैं। उनके गिरोह में 100 से अभी अधिक सदस्य हैं। इसमें महिलाएं भी शामिल हैं। पिछले दिनों खुल्दाबाद इंस्पेक्टर वीरेंद्र यादव ने झारखंड जाकर एक शातिर को गिरफ्तार किया था तो इसका राजफाश हुआ था। उसने पुलिस को बताया था कि उसके गांव में अधिकांश लोग इस जालसाजी के धंधे से जुड़े हैं। उनके पास एक-दो नहीं बल्कि दर्जन भर मोबाइल नंबर हैं। ये सभी नंबर फर्जी आइडी से चालू हैं। इसलिए वह कभी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आते हैं।