सरकारी अस्पतालों से दूर हो गए 'आयुष्मान' के लाभार्थी
योजना के तहत जिले में करीब दो लाख 73 हजार से अधिक लाभार्थियों का चयन किया गया है।
प्रयागराज : आयुष्मान भारत योजना के लिए चयनित लाभार्थियों को सरकारी अस्पतालों में बेहतर सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। इलाज के लिए उन्हें दौड़ाया जाता है। यही कारण है कि पिछले ढाई माह में महज 122 लाभार्थियों को सरकारी अस्पतालों में इलाज का लाभ मिल पाया है।
प्रधानमंत्री की प्राथमिकता वाली योजना 'आयुष्मान भारत' 27 सितंबर से चल रही। इसमें लाभार्थी या उसके परिवार के किसी भी सदस्य का पांच लाख रुपये तक का इलाज निश्शुल्क किया जाता है। योजना के तहत जिले में करीब दो लाख 73 हजार से अधिक लाभार्थियों का चयन किया गया है।
लाभार्थी मरीजों का आरोप है कि सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए उन्हें दौड़ाया जाता है, दवाओं के लिए बाहर भेजा जाता है। उनकी मदद के लिए तैनात आयुष्मान मित्र कहां बैठते हैं इसकी भी जानकारी नहीं हो पाती है। उन्हें घंटों इंतजार कराया जाता है। यही कारण है कि लाभार्थी मरीज प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने के लिए जा रहे हैं। एक नजर :
-कुल लाभार्थी : 273574
-लाभार्थियों का बना कार्ड : 236087
-सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीज :122
-प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीज : 657 सरकारी अस्पतालों में भी योजना से जुड़े लाभार्थियों को किसी तरह की असुविधा न हो इसके लिए निर्देशित किया गया है। बरेली के बाद प्रयागराज में इलाज कराने वाले लाभार्थियों की संख्या दूसरे नंबर पर है।
- डॉ. सत्येन राय, नोडल अफसर, आयुष्मान भारत योजना
बच्चों को लगाया गया एमआर का टीका :
सेंट जोसेफ स्कूल एवं कॉलेज में शनिवार को टीकाकरण शिविर आयोजित किया गया। स्वास्थ्य विभाग के कार्यकर्ताओं ने कक्षा एक से तीसरी कक्षा तक के बच्चों को मीजल्स रूबेला का टीकाकरण लगाया। अभिभावकों को टीकाकरण से होने वाले फायदे के बारे में बताया गया। वहीं जिले में अब तक दो लाख 10 हजार बच्चों को एमआर का टीका लगाया गया है। कार्यकर्ताओं ने कहा कि इंजेक्शन लगने के भय के चलते बच्चे रोने लगते हैं और इसी कारण से वह खुद को कमजोर महसूस करने लगते हैं।