एटीएम से रुपये निकालते ही फोन आए तो हो जाएं सतर्क
जागरण संवाददाता प्रयागराज तू डाल-डाल मैं पात-पात। साइबर शातिर कुछ इसी कहावत पर चल रहे हैं साइबर अपराधी।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज : तू डाल-डाल मैं पात-पात। साइबर शातिर कुछ इसी कहावत पर चल रहे हैं। पुलिस इनके सभी रास्तों को बंद करती है तो यह जालसाजी का नया रास्ता निकाल लेते हैं। आजकल इन शातिरों ने फिर इंटरनेट कॉल को माध्यम बनाया है। एटीएम से रुपये निकालते ही ये लोगों को फोन करते हैं। बातों-बातों में ये मोबाइल पर लिक भेजते हैं। बस लिक को टच करते ही आपके खाते से सारी रकम गायब। शातिर या तो रुपये दूसरे खाते में ट्रांसफर कर लेते हैं या फिर ऑनलाइन शापिग कर लेते हैं। जिस नंबर से फोन आता है उस पर फोन भी नहीं लगता। पुलिस या साइबर सेल से शिकायत करने पर सिर्फ मामला ही दर्ज किया जा सकता है। साइबर शातिरों के बारे में कोई जानकारी नहीं हो पाती। आइए जानते हैं कैसे ये शातिर लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं। सवाल : राजेश कुमार सिंह (बदला नाम) जी बोल रहे हैं।
जवाब : हां।
सवाल : मैं फला बैंक का कर्मचारी विनोद (बदला नाम) बोल रहा हूं, जहां आपका खाता है। आपका मोबाइल नंबर यही है।
जवाब : हां।
सवाल : अभी दो मिनट पहले आपने फला बैंक के एटीएम से अपने खाते से 20 हजार रुपये निकाले हैं।
जवाब : जी, हां।
सवाल : देखिए सर, आपके द्वारा निकाले गए रुपये आपके खाते से कटे नहीं हैं। ऐसे में आपके मोबाइल पर एक लिक भेजा जा रहा है उसे क्लिक कर दीजिए।
जवाब : जी बिल्कुल। बस इस लिक को टच करते ही खाते से बची हुई रकम भी निकल जाती है।
----
ऐसे बरतें सावधानी
-बैंक की ओर से कभी भी किसी को फोन करके ओटीपी नहीं पूछा जाता। बैंक लिक भी नहीं भेजते।
-बैंक खाते, आधार, पैन कार्ड समेत किसी भी दस्तावेज की जानकारी किसी को न दें।
-एटीएम से रुपये निकालते समय यह अवश्य देखें कि कोई पीछे से कुछ देख तो नहीं रहा है।
-एटीएम से रुपये निकालने के बाद कैंसिल का बटन अवश्य दबाएं।
-ऑनलाइन शापिग, मोबाइल रिचार्ज भी बड़ी सावधानी से करें।
-मोबाइल पर आने वाले किसी भी लिक का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतें।
-किसी भी प्रकार का संदेह होने पर बैंक और पुलिस अधिकारियों को सूचना दें।
--------
आमजन को जागरुक होना बहुत आवश्यक है। साइबर सेल द्वारा लोगों को साइबर अपराधों से बचाने के लिए लगातार जागरुक किया जा रहा है। लेकिन कहीं न कहीं साइबर अपराधी लोगों को अपने झांसे में ले लेते हैं, इसलिए किसी को ओटीपी न बताएं।
संदीप मिश्रा, प्रभारी, साइबर सेल।