सड़क पर रहिए सावधान, एक हादसा देता है परिवार को जिंदगी भर का जख्म Prayagraj news
धूमनगंज निवासी रोहित कुमार की जिंदगी भी अब बैशाखी के सहारे किसी तरह चल रही है। बीते साल कोहरे के दौरान तेज रफ्तार ट्रक की टक्कर से उनका एक पैर टूट गया। लाखों रुपये इलाज में खर्च किए वह परिवार के दूसरे सदस्यों के सहारे जीवन गुजार रहे हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। एक हादसा और जिंदगी भर का जख्म। ऐसा जख्म जो अब कभी भर तो नहीं सकता मगर सालता जरूर रहता है। अब ऐसे ही अंधकार भरे जीवन से गुजर रही हैं हिम्मतगंज निवासी शिवकुमारी। वह जब भी परिवार के बारे में सोचती हैं, बच्चों की तरफ निहारती हैं तो दिमाग में पति डॉ. सत्यनारायण की तस्वीर उभर आती है। पुरानी याद ताजा होते ही आंखों से आंसू छलक पड़ते हैं। उन्हें अब समझ में नहीं आता जिंदगी का गुजर-बसर कैसे होगा। 12 जून 2020 को हुए दर्दनाक हादसे में उनके पति की जान चली गई। ड्यूटी जाते वक्त फाफामऊ में रोडवेज बस ने टक्कर मार दी थी और वह घटनाक्रम उनके जेहन में घूमता रहता है।
रोहित की जिदंगी भी बैशाखी के सहारे
धूमनगंज निवासी रोहित कुमार की जिंदगी भी अब बैशाखी के सहारे किसी तरह चल रही है। बीते साल कोहरे के दौरान तेज रफ्तार ट्रक की टक्कर से उनका एक पैर टूट गया। लाखों रुपये इलाज में खर्च किए, लेकिन अभी भी वह परिवार के दूसरे सदस्यों के सहारे जीवन गुजार रहे हैं। ऐसे और भी तमाम परिवार हैं, जो सड़क हादसे में किसी न किसी को खोने के कारण कई साल पीछे चले गए। शारीरिक, मानसिक और आर्थिक दुश्वारियों को झेल रहे लोग दुखद हादसों की बयां करते कहानी लोगों के लिए सबक भी है। मगर तमाम शख्स अभी भी यातायात नियमों का पालन करने से गुरेज करते हैं। ठंड ने दस्तक दे दी है और जल्द ही कोहरे का धुंध भी छाने लगेगा। ट्रैफिक पुलिस में दर्ज आंकड़ों के पन्ने पलटने पर पता चलता है कि कोहरे के कारण सड़क दुर्घटना में इजाफा होता है, जिसमें मरने और हताहत वालों की संख्या अधिक होती है। नशा, ओवर स्पीड, हेलमेट न लगाने, नियम का उल्लंघन करने, बेतरतीब खड़े वाहन जैसे कई कारण से लोग हादसे का शिकार होते हैं, लेकिन इसमें नशा और तेज रफ्तार को अहम कारण माना जाता है। वहीं, ट्रक, कार, तिपहिया की तुलना में बाइक सवार लोगों की जान ज्यादा जाती है। इसकी पुष्टि पुलिस अधिकारी भी करते हैं।
दिसंबर से फरवरी तक ज्यादा दुर्घटना-
जनवरी 2020 में कुल 127 हादसे में 52 की मौत हुई और 85 लोग घायल हुए। लगभग इतनी ही घटना दिसंबर व फरवरी में हुई। वर्ष 2019 के दिसंबर माह में 116, जनवरी में 103 और फरवरी में 133 हादसे हुए। जबकि मई, जून, जूलाई और अगस्त माह में यह आंकड़ा 100 से नीचे पहुंच जाता है।
विटोला को मजदूरी करने पर मिलती है दो वक्त की रोटी
झूंसी के इसीपुर गांव निवासी विटोला को अब 50 साल की उम्र में मजदूरी करनी पड़ रही है। अगर वह मजदूरी करने के लिए दूसरे के खेत में न जाए तो दो जून की रोटी भी नसीब नहीं हो सकती है। करीब 20 दिन पहले उनके पति त्रिलोकी को काल बनकर आए ट्रक ने रौंद दिया था। न सरकारी मदद और न अपनो का साथ। अब अधेड़ महिला खुद पति की तरह मजदूरी करके अपना पेट पाल रही है।
तीन साल में हुए सड़क हादसे-
वर्ष दुर्घटना मौत घायल
2018 1380 614 850
2019 1383 580 930
2020 अक्टूबर तक 0908 413 581
एसपी ट्रैफिक का कहना है
एसपी ट्रैफिक अखिलेश भदौरिया का कहना है कि कोहरे के चलते सड़क हादसों में वृद्धि होती है। दुर्घटनाओं को रोकने और मृत्यु दर को कम करने के लिए जागरुकता अभियान भी चलाया जा रहा है। नियम का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई भी होती है।