आनलाइन रुपये का लेनदेन करते हैं तो सतर्क रहें, साइबर अपराधियों की आपके खाते पर है निगाह
साइबर एक्सपर्ट मानते हैं कि बैंक एकाउंट एटीएम कार्ड और दूसरी गोपनीय जानकारी किसी से शेयर करना ठीक नहीं है। साइबर थाने की पुलिस भी लोगों को लगातार जागरूक करने का प्रयास कर रही है। इसके बावजूद कोई न कोई शख्स आए दिन शातिरों के जाल में फंस जाते हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। आप पैसे का आनलाइन ट्रांजेक्शन यानी लेनदेन करते हैं। ई-बैंकिंग सेवा का लाभ उठाते हैं और मोबाइल एप का इस्तेमाल करते हैं तो अब अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी। ऐसा इसलिए कि साइबर अपराधियों की निगाह आपके खाते पर है। वह आपको अलग-अलग माध्यम से ठगी के जाल में फंसा सकते हैं। लिहाजा कहीं ऐसा न हो कि आप भी उनके शातिर दिमाग में फंस जाएं और गाढ़ी कमाई की रकम गवां दें।
दो दिन में साइबर ठगी के सात केस दर्ज
बुधवार और गुरुवार को शहर के अलग-अलग थानों में साइबर ठगी के सात मुकदमे दर्ज हुए हैं। शातिरों ने पुलिस कर्मी से लेकर छात्र तक को निशाना बनाया है। हैरान करने वाली बात यह है कि ऐसे अपराधियों पर शिकंजा कसने और कार्रवाई करने वाली पुलिस भी ठगी का शिकार हो जा रही है। साइबर एक्सपर्ट भी मानते हैं कि बैंक एकाउंट, एटीएम कार्ड और दूसरी गोपनीय जानकारी किसी से शेयर करना आपके लिए ठीक नहीं हो सकता है।
साइबर थाने की पुलिस भी लोगों को लगातार जागरूक करने का प्रयास कर रही है। इसके बावजूद कोई न कोई शख्स आए दिन शातिरों के जाल में फंस जाते हैं।
नौकरी का झांसा दिलाने के नाम पर ठगी
मुट्ठीगंज निवासी शिवांगी को साइबर शातिरों ने पहले एक कंपनी में नौकरी दिलाने का झांसा दिया। इसके बाद उनसे प्रोसेसिंग फीस के नाम पर अलग-अलग किश्तों में पैसा लेते रहे। इतना ही नहीं, उन्हें लगातार आश्वस्त भी किया जा रहा था कि पैसा रिफंडेबल है। हालांकि बाद में सच्चाई का पता चला तो शिवांगी ने मुट्ठीगंज थाने में मुकदमा कायम कराया। इसी तरह कर्नलगंज निवासी विकास मिश्रा को मकान, फ्लैट के नाम पर ठगा गया। ऐसे कई और लोगों को अलग-अलग झांसा देकर उनके खाते से रकम उड़ाई गई।