पीएफ खाते में भी शातिर लगा रहे सेंध, प्रतापगढ़ के युवक को पांच लाख रुपये का झटका

दिलीप यादव गुड़गांव की एक फैक्ट्री में काम करता था। वर्ष 2020 में कोरोना काल में फैक्ट्री बंद होने पर घर चला आया था। उसके पीएफ खाते में पांच लाख से अधिक रकम थी। शातिरों ने22 अक्टूबर को 2.09 लाख रुपये और 24 अक्टूबर को 2.54 लाख रुपये निकाल लिए

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 04:45 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 04:45 PM (IST)
पीएफ खाते में भी शातिर लगा रहे सेंध, प्रतापगढ़ के युवक को पांच लाख रुपये का झटका
रिटायर्ड फैक्ट्री कर्मचारी के खाते से निकाल लिए थे 4.64 लाख रुपये

प्रयागराज, जेएनएन। फर्जी बैंक खाता खोलकर पीएफ खाते से पैसा निकालने वाले गिरोह का प्रतापगढ़ पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के तीन शातिरों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 1.79 लाख रुपये, फर्जी आधार कार्ड, पैनकार्ड और बैंक पास बुक बरामद किया है।

फैक्ट्री बंद होने पर घर लौटे युवक को दिया गहरा झटका

पुलिस ने बताया कि कुंडा कोतवाली क्षेत्र के लाखीपुर गांव का रहने वाला दिलीप यादव गुड़गांव के एक बटन बनाने वाली फैक्ट्री में काम करता था। वर्ष 2020 में कोरोना काल में फैक्ट्री बंद होने पर वह यहां घर चला आया था। उसके पीएफ खाते में पांच लाख रुपये से अधिक रकम थी। उसके खाते से 22 अक्टूबर को 2.09 लाख रुपये और 24 अक्टूबर को 2.54 लाख रुपये निकाल लिया गया। इसकी जानकारी उसे 26 अक्टूबर को तब हुई, जब वह अपने पीएफ के खाते से पैसा निकालने बैंक गया। फिर उसे पता चला कि उसके नाम से शहर के बाबागंज में स्थित बैंक आफ महाराष्ट्र में खाता खोलकर पैसा ट्रांसफर करके निकाला गया है।

पीड़ित का आधार कार्ड और फोटो दूसरे की

दिलीप ने बैंक आफ महाराष्ट्र के प्रबंधक से पता किया तो उसे यह जानकारी मिली कि आधार कार्ड व पैन कार्ड उसका लगाया गया है, लेकिन उसमें फोटो किसी और की लगी है। सिर्फ पता बदला गया है। फिर दिलीप बेटे गुलशन के साथ कोतवाली पहुंचा और अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। इसकी विवेचना चुंगी चौकी इंचार्ज को सौंपी गई। चौकी इंचार्ज ने खाते का डिटेल देकर शाखा प्रबंधक से कहा कि जैसे ही इस खाते का संचालन करने कोई आए, उन्हें खबर कर देंगे। फिर रामकरन निवासी पूरे नेवाज खा लालगंज व कमलेश सरोज पुत्र प्यारे लाल निवासी रसूलपुर गुलरहा थाना अंतू बैंक पहुंचे तो सूचना मिलने पर पुलिस ने इन दोनों को पकड़ लिया।

साइबर कैफे संचालक की कारस्तानी

चौकी इंचार्ज धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि दिलीप कुछ दिनों पहले कुंडा कस्बा स्थित एक साइबर कैफे पर पैन कार्ड व आधार कार्ड बनवाने गया था। साइबर कैफे पर काम करने वाले बृजेश सरोज पुत्र राम सुमेर निवासी सरियावां ताजपुर थाना कुंडा ने पैन कार्ड व आधार कार्ड बनाने के बाद उसकी फोटो कापी अपने पास रख ली थी। फिर उसने कमलेश से संपर्क किया और कमलेश ने रामकरन की फोटो लगाकर बैंक में खाता खोला और दो बार में चार लाख 63 हजार रुपये निकाल लिया। पुलिस ने तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर 1.79 लाख रुपये, दो फर्जी पासबुक, एक पैन कार्ड, एक आधार कार्ड, तीन फोन बरामद किया।

रिश्तेदारी से बृजेश व कमलेश में हुआ था संपर्क

मुख्य सरगना कमलेश सरोज की ससुराल सरियावां गांव में है। वहीं बृजेश सरोज का घर है, इससे दोनों में संपर्क हो गया। बृजेश आधार कार्ड, पैन कार्ड, आय प्रमाण पत्र आदि बनाने का काम करता है। कमलेश समय-समय पर उससे यह सब कागजात बनवाता था। चौकी इंचार्ज के अनुसार कमलेश लोगों से कमीशन लेकर उनके पीएफ खाते से पैसा निकलवाने का काम करता है। कमलेश ने दिलीप के आधार कार्ड व पैन कार्ड से उसके पीएफ का नंबर निकाल लिया और फिर पीएफ आफिस में काम करने वाले अपने एक साथी की मदद से दिलीप के पीएफ खाते को चेक कराया तो पता चला उसमें चार से पांच लाख रुपये है। फिर कमलेश ने अपने मामा के बेटे राम करन सरोज व अन्य साथियों के साथ मिलकर दिलीप के खाते से पैसा निकालने की योजना बनाई। फिर उसने राम करन की फोटो बृजेश सरोज को भेजा और रामकरन की फोटो लगाकर दिलीप यादव का आधार कार्ड व पैन कार्ड तैयार कराया। फिर फर्जी आधार कार्ड व पैन कार्ड से बैंक में खाता खुलवाया और एटीएम व चेकबुक प्राप्त कर लिया। पहली बार में 2,09,300 रुपये व दूसरी बार में 2,54,279 रुपये निकाल लिए। पीएफ दफ्तर में काम करने वाले को दो बार में 35 हजार रुपये कमलेश ने भेजा और 40 हजार रुपये रामकरन व 20 हजार रुपये बृजेश सरोज को दिया। बाकी पैसे से कमलेश ने अपना कुछ कर्ज चुकाया और कुछ ईंट खरीद ली थी।

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