Women Empowerment: प्रयागराज के 1540 गांव सचिवालयों में 'बैंक मैनेजर होंगी बीसी सखियां, करेंगी ग्रामीणों की मदद
जिले की 1540 ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय तैयार किए जा रहे हैं। इसी ग्राम सचिवालयों में बीसी सखी भी बैठेंगी जो ग्रामीणों के बैंक खातों का आधार कार्ड के आधार पर संचालन करवाएंगी।657 सखियों के स्वयं सहायता समूहों के बैंक खाते में 75-75 हजार रुपये भेजे गए हैैं।
प्रयागराज, अतुल यादव। आधी आबादी को मुख्य धारा में लाने और उसका हक दिलाने की मुहिम रंग लाती दिख रही है। सभी गांव सचिवालय में आपको जल्द ही बीसी (बैंकिंग करेस्पान्डेंट) सखियां नजर आएंगी, जो बैंक संबंधी कामकाज और लेनदेन में ग्रामीणों की मदद करेंगी।
ग्रामीणों के बैंक संबंधी कामकाज में करेंगी मदद
दरअसल, ग्राम पंचायतें अब तक अपना कार्यालय व्यवस्थित नहीं कर पाई हैं। सरकार इन्हें ग्राम सचिवालय के रूप में विकसित कर रही है। इसी क्रम में जिले की 1540 ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय तैयार किए जा रहे हैं। इसी ग्राम सचिवालयों में बीसी सखी भी बैठेंगी, जो ग्रामीणों के बैंक खातों का आधार कार्ड के आधार पर संचालन करवाएंगी। प्रशिक्षण प्राप्त 940 बीसी सखियों में 657 सखियों के स्वयं सहायता समूहों के बैंक खाते में 75-75 हजार रुपये भेजे गए हैैं। इससे डिवाइस खरीदने के साथ ही ओवर ड्राफ्ट खाता खुलवाया जाएगा।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के जिला प्रबंधक विजय गुप्ता ने बताया कि 945 बीसी सखियों को मुट्ठीगंज स्थित रूरल सेल्फ एंप्लॉयमेंट ट्रेंनिंग इंस्टीट्यूट (आरसेटी) में बैंक संबंधी कामकाज का छह दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा चुका है। शुरुआती छह माह तक बीसी सखियों को 4000 रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा। इसके बाद कमीशन आधारित आय होगी।
बीसी सखियों की सुनिए
सीटू आजीविका स्वंय सहायता समूह से जुड़ी हूं। 13 जनवरी से बीसी सखी की ट्रेनिंग ली। बीसी सखी के रूप में रोजगार मिलने की उम्मीद है।
- सरिता, धरौली, बहादुरगंज
तुलसी आजीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़कर काम कर रही हूं। ग्राम सचिवालय बनने के बाद बीसी सखी के रूप में काम करेंगे।
आराधना, हरदिहा, मेजा
उपायुक्त का है यह कहना
बीसी सखी के रूप में महिलाएं सरकारी योजना से जुड़ कर आत्मनिर्भर बन सकेंगी। इसके साथ ही ग्रामीणों को बैंकिंग सेवाओं में मदद मिलेगी।
- अजीत कुमार सिंह, उपायुक्त, एनआरएलएम