लॉकडाउन में ऑनलाइन कंपनियों के काम पर भी लगे रोक, प्रयागराज में ऑनलाइन बैठक में व्यापारियों ने रखे यह विचार

महानगर अध्यक्ष लालू मित्तल ने कहा कि व्यापारी समाज सरकार के लॉकडाउन के फैसले को मान रहा है।गलती होने पर चालान भी कटवा रहे हैं। लेकिन ऑनलाइन कंपनियों को लॉकडाउन और कोरोना कफ्र्यू के समय काम करने की छूट देना पक्षपातपूर्ण और व्यापारियों का मनोबल तोड़ने वाला फैसला है

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Fri, 30 Apr 2021 07:22 PM (IST) Updated:Fri, 30 Apr 2021 07:22 PM (IST)
लॉकडाउन में ऑनलाइन कंपनियों के काम पर भी लगे रोक, प्रयागराज में ऑनलाइन बैठक में व्यापारियों ने रखे यह विचार
कोरोना कर्फ्यू के समय काम करने की छूट देना पक्षपातपूर्ण और व्यापारियों का मनोबल तोड़ने वाला फैसला है।

प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना संकट काल में हर वर्ग पर असर पड़ रहा है। कारोबार भी ठप होता जा रहा है। व्यापारी परेशान है। जरूरी वस्तुओं को छोड़कर अन्य सामान की बिक्री गिरती जा रही है। ऐसे हालात में सर्व उद्योग व्यापार मंडल, प्रयाग केमिस्ट एसोसिएशन फुटकर की शुक्रवार को हुई वर्चुअल मीटिंग में प्रदेश मंत्री सुशांत केसरवानी, मंडल प्रभारी मनीष कुमार गुप्ता, महानगर अध्यक्ष लालू मित्तल ने कहा कि व्यापारी समाज सरकार के कंधे से कंधा मिलाकर लॉकडाउन के फैसले को मान रहा है। थोड़ी सी गलती होने पर चालान भी कटवा रहे हैं। लेकिन, ऑनलाइन कंपनियों को लॉकडाउन और कोरोना कर्फ्यू के समय काम करने की छूट देना पक्षपातपूर्ण और व्यापारियों का मनोबल तोड़ने वाला फैसला है। उन पर भी बराबर कार्रवाई की जानी चाहिए। 

एक जैसा नियम लागू हो ऑनलाइन कंपनियों पर भी

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मांग की गई कि ऑनलाइन कंपनियों पर भी समान नियम लागू किया जाए। इन कंपनियों को भी लॉकडाउन में व्यापार न करने दिया जाए। महानगर अध्यक्ष ने कहा कि ऑक्सीजन लंगर के लिए मशीनें मंगाई गई हैं, जिसके आने में 10 दिन लगेंगे। अतरसुइया उद्योग व्यापार मंडल के संरक्षक रंजीत गुप्ता के पिता कैलाश नाथ के निधन पर श्रद्धांजलि दी गई। इसमें नमन ज्योत सिंह, संरक्षक राजीव कृष्ण श्रीवास्तव, आनंद जी टंडन, अवंतिका टंडन, मुसाब खान आदि शामिल रहे। वहीं, अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल, उत्तर प्रदेश युवा उद्योग व्यापार मंडल की बैठक में मॉस्क चेकिंग के नाम पर जबरदस्ती फार्म पर हस्ताक्षर कराने की निंदा की गई।

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