चुप ताजिया के साथ खत्म हुआ अय्यामे अजा

कर्बला के शहीदों की याद में 6

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 06:49 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 06:49 PM (IST)
चुप ताजिया के साथ खत्म हुआ अय्यामे अजा
चुप ताजिया के साथ खत्म हुआ अय्यामे अजा

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : कर्बला के शहीदों की याद में 68 दिनों तक मनाए गए गम का सिलसिला चुप ताजिया निकलने के साथ माहे रबिउल अव्वल की आठवीं को खत्म हो गया। रानीमंडी चकय्या नीम स्थित इमामबारगाह मिर्जा नकी बेगम बशीर हुसैन की कयादत में दस दिवसीय अशरा-ए-चुप ताजिया के अंतिम दिन जुलूस नहीं निकला। इमामबाड़ा के अंदर ही जाकिरे अहलेबैत रजा अब्बास जैदी ने कर्बला के 72 शहीदों की राहे हक में दी गई कुर्बानी का जिक्र किया। शबीहे ताबूत, चुप ताजिया, अलम और जुलजनाह की शबीह की जियारत इमामबाड़े के अंदर ही करवाई गई।

अंजुमन हैदरया के नौहाख्वान हसन रिजवी व साथियों ने कदीमी नौहा पढ़ा। बब्बू भाई के नेतृत्व में इमामबाड़े के अंदर जुलूस की रश्म पूरी हुई। वहीं दरियाबाद के बंगले से तुराब हैदर की निगरानी में इमामबाड़ा परिसर में मजलिस हुई। उम्मुल बनीन सोसायटी के महासचिव व अंजुमन के प्रवक्ता सै. मो. अस्करी के मुताबिक अंजुमन शब्बीरिया, अंजुमन गुंचा-ए-कासिमया, अंजुमन अब्बासिया, अंजुमन हुसैनिया कदीम, अंजुमन हाशिमया के नौहाख्वानों ने अय्यामे अजा के अंतिम दिन जनाबे जहरा को पुरसा पेश करते हुए गमगीन नौहा पढ़ा। संचालन अनीस रिजवी ने किया। दिनभर बड़ी संख्या में हुसैन ए मजलूम के चाहने वालों का तांता लगा रहा। अलम ताजिया, ताबूत, जुलजनाह और अमारी पर फूल-माला चढ़ाकर लोगों ने मन्नतें मागीं। देर रात तबर्रुकात पर चढ़ाए गए फूलों को गमजदा माहौल में सिपुर्दे खाक किया गया। मौलाना जव्वाद हैदर, मौलाना रजी हैदर, मौलाना मो. ताहिर, हाजी मंजर कर्रार, गौहर काजमी, रिजवान जव्वादी, तुराब हैदर, सै. मो. अस्करी, तय्याबैन आब्दी, रौनक सफीपुरी, ताहिर मलिक आदि मौजूद रहे। आज बनेगा पकवान

अय्यामे अजा के खत्म होने पर मोहर्रम की चाद रात पर शिया समुदाय की औरतें चूड़ियां फिर से कलाई पर सजेंगी। वो काले लिबास त्यागकर लाल, पीले, गुलाबी रंग के लिबास पहनेंगी। शादी-विवाह और खुशियों के कार्यक्रम पुन: शुरु हो जाएंगे। मंगलवार को ईद-ए-जहरा की महफिल सजेगी। घरों में सेंवई के साथ गुलगुले, पकौड़ियां व पकवान बनेंगे।

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