Health News: ​​​​​आयुर्वेदिक औषधियां सर्वाइकल स्पांडलाइटिस से देंगी आराम, मरीजों के इलाज में उत्साहजनक नतीजा

आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति लगातार यह तलाशने के प्रयास में है कि लोगों को इससे कैसे राहत दिलाई जाए। इसके लिए राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय हंडिया के शिक्षक डा. कैलाश प्रसाद डा. ज्योति मिश्रा और डा. पवन कुमार चौबे शोध कर रहे हैं।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 07:40 AM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 09:39 AM (IST)
Health News: ​​​​​आयुर्वेदिक औषधियां सर्वाइकल स्पांडलाइटिस से देंगी आराम, मरीजों के इलाज में उत्साहजनक नतीजा
एलोपैथ को चुनौती देने वाली बीमारी खत्म करने का हथियार तैयार कर आयुर्वेदिक चिकित्सक

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। सर्वाइकल स्पांडलाइटिस (मन्यास्तम्भ व्याधि) उन लोगों को होने की संभावना रहती है, जो लंबे समय तक डेस्क वर्क या घंटों कंप्यूटर के सामने बैठकर काम करते हैं। एलोपैथ के लिए इसके दर्द को कम करना बड़ी चुनौती है। लेकिन, आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति लगातार यह तलाशने के प्रयास में है कि लोगों को इससे कैसे राहत दिलाई जाए। इसके लिए राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय, हंडिया के शिक्षक डा. कैलाश प्रसाद, डा. ज्योति मिश्रा और डा. पवन कुमार चौबे शोध कर रहे हैं।

60 मरीजों पर शोध का है लक्ष्य

डा. कैलाश प्रसाद कहते हैं कि सर्वाइकल स्पांडलाइटिस के मरीजों पर पंचामृत लौह गुग्गुल और अणु तेल नस्य (एक प्रकार का पंचकर्म) का चिकित्सकीय प्रयोग करने पर अच्छे परिणाम मिले हैं। 60 मरीजों पर यह प्रयोग करने का लक्ष्य बनाया गया है। अब तक 40 लोगों पर प्रयोग हो चुका है।

उन्होंने बताया कि यह नवोन्मेषण प्राचार्य डा. अवधेश कुमार सिंह के निर्देशन में किया जा रहा है। ग्रीवा स्तंभ व्याधि से ग्रसित 60 फीसद मरीजों पर यह प्रयोग पूरा हो चुका है। बाकी 40 फीसद पर औषधियों के कारगर होने का अध्ययन चल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि पंचामृत लौह गुग्गुल और अणु तेल नस्य औषधियों के परिणाम सकारात्मक हैं। उम्मीद है कि भविष्य में सर्वाइकल स्पांडलाइटिस से ग्रसित लोगों को इस रोग से लडऩे के लिए आयुर्वेद बेहद मजबूत हथियार देगा। शोधकर्ता डा. ज्योति मिश्रा ने बताया कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धित की प्रमुख ताकत यह है कि इससे रोग जड़ से खत्म हो जाते हैं। साथ ही शरीर पर औषधियों का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता।

मरीजों का है कहना

एलोपैथिक दवा कराकर थक चुके थे। करीब डेढ़ महीने तक दवा खाई। इलाज कराने लखनऊ भी गए। आराम नहीं मिला तो आयुर्वेदिक दवाओं पर भरोसा किया। मझे 15 दिन में आराम मिल गया।

- पंकज कुमार पांडेय, व्यापारी हंडिया

सिर के पीछे हड्डी में दर्द असहनीय हो जाता था। एलोपैथिक दवा से आराम नहीं मिला। आयुर्वेदिक कालेज हंडिया के डाक्टरों ने इलाज शुरू किया। अब काफी आराम है।

- रेखा देवी, गृहणी हंडिया

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