Ayodhya Ram Mandir Bhumi Pujan : जगद्गुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा- रामराज स्थापना की पड़ी नींव

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य स्वामी वासुदेवानंद ने कहा कि अभिभूत व आनंदित हूं। गौरवान्वित हूं और निशब्द भी। सदियों का संकल्प आज सिद्ध हो गया।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 06:32 PM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 06:43 PM (IST)
Ayodhya Ram Mandir Bhumi Pujan : जगद्गुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा- रामराज स्थापना की पड़ी नींव
Ayodhya Ram Mandir Bhumi Pujan : जगद्गुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा- रामराज स्थापना की पड़ी नींव

प्रयागराज [शरद द्विवेदी]। अभिभूत व आनंदित हूं। गौरवान्वित हूं और नि:शब्द भी। सदियों का संकल्प आज सिद्ध हो गया। यहां टेलीविजन पर ही अयोध्या में श्रीराममंदिर के लिए भूमिपूजन का अविस्मरणीय दृश्य देखकर भावुक हूं। पांच सौ वर्ष का कलंक मिट गया। मेरा रोम-रोम राममय है। आज भारत में रामराज की स्थापना की नींव पड़ गई। यह उद्गार श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य जगद्गुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती के हैं। बुधवार को अपने आश्रम में दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि हमारा सपना साकार हो गया। प्रसन्नता व्यक्त करने के लिए शब्द साथ नहीं दे रहे हैं। सिर्फ हृदय को उसकी आत्मीय अनुभूति हो रही है।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य स्वामी वासुदेवानंद ने बताया कि सुबह पूजन पर बैठा तो अपने गुरु ब्रह्मलीन जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी शांतानंद सरस्वती, महंत अवेद्यनाथ, परमहंस रामचंद्र दास, प्रभुदत्त ब्रह्मचारी, स्वामी बामदेव अशोक सिंहल का स्मरण हुआ। श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए उनका त्याग और संघर्ष आंखों के सामने आ गया। मैंने इन सबके साथ कारसेवा व समय-समय पर हुए संघर्षों में हिस्सा लिया था।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य स्वामी वासुदेवानंद ने कहा कि देशभर के संतों व सनातनियों को एकजुट करने की मुहिम में यह सभी मेरे साथ रहे। यह विभूतियां आज होती तो खुशी और बढ़ जाती, पर मुझे विश्वास है कि वह परलोक से नई अयोध्या का दृश्य देखकर प्रसन्न हो रहे होंगे। उन्हें खुशी हो रही होगी कि उनका सपना आज साकार हो रहा है। संतों की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीराम जन्मभूमि में मंदिर निर्माण का भूमि पूजन करके रामराज की स्थापना के लिए नींव रखी है। हर भारतवासी आज प्रसन्न है। पूरा विश्व भारत व सनातन धर्म के प्रति आकर्षित होगा। भारत के आत्मनिर्भर बनने की आधारशिला भी आज रखी गई है।

शंकराचार्य आश्रम में किया पूजन : स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती चातुर्मास के कारण इस आयोजन में शामिल होने अयोध्या नहीं गए। मानसिक उपस्थिति जरूर दर्ज कराई। सुबह 10 बजे से टीवी के सामने बैठ गए। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूजन कर रहे थे, उसी समय उन्होंने अपने आश्रम में भगवान श्रीराम, माता जानकी व शिला का पूजन किया। चातुर्मास के बाद शिला अयोध्या पहुंचायी जाएगी।

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