...तो क्‍या अपह्त मासूम की बलि देने जा रहे थे हैवान, आप भी जानें कैसे बची बालक की जान

कौशांबी के कोखराज में पांच वर्षीय मासूम का बाइक सवार दो युवकों ने अपहरण कर लिया। खोजबीन के दौरान ग्रामीणों ने अपहर्ताओं को देखा तो वे भाग निकले। पुराने टीले के समीप गड्ढा खोदा हुआ और नींबू फूल पड़ा देखा तो मासूम की बलि के प्रयास की आशंका जाहिर की।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 04 Oct 2021 07:52 AM (IST) Updated:Mon, 04 Oct 2021 07:52 AM (IST)
...तो क्‍या अपह्त मासूम की बलि देने जा रहे थे हैवान, आप भी जानें कैसे बची बालक की जान
कौशांबी के कोखराज के छीतापुर में अपह्त बालक को ग्रामीणों ने अपहर्ताओं के चंगुल से बचाया।

प्रयागराज, जेएनएन। उत्‍तर प्रदेश के कौशांबी जनपद में मासूम बालक की बलि देने के प्रयास का मामला सामने आया है। पांच वर्षीय बालक का पहले बाइक सवारों ने अपहरण किया। इसके बाद सुनसान इलाके में ले गए। वहां गड्ढा खोदा। इसी बीच बच्‍चे की खोजबीन करते हुए ग्रामीण वहां पहुंच गए। फिर क्‍या था मासूम को छोड़कर अपहर्ता फरार हो गए। जहां गड़ढा खोदा गया था वहीं नींबू और फूल भी पड़ा था। इस तरह ग्रामीणों की सजगता से मासूम की जान बच सकी। आप भी जानें क्‍या था पूरा मामला।

कोखराज के छीतापुर में पांच वर्षीय बालक का अपहरण किया

कोखराज थाना क्षेत्र के छीतापुर गांव में बच्चों के साथ खेल रहे पांच वर्षीय मासूम का बाइक सवार दो युवकों ने अपहरण कर लिया। खोजबीन के दौरान ग्रामीणों ने अपहर्ताओं को देखा तो ललकारा। इस पर दोनों युवक भाग निकले। ग्रामीणों ने गांव के बाहर एक पुराने टीले के समीप गड्ढा खोदा हुआ और नींबू और फूल पड़ा देखा तो मासूम की बलि की आशंका जाहिर की। बच्चे के बाबा ने थाने में शिकायत की।

बच्‍चों ने घरवालों को दी थी अपहरण की जानकारी

छीतापुर निवासी विनोद कुमार कुशवाहा खेती करके परिवार का भरण पोषण करते हैं। उनका पांच वर्षीय बेटा सत्यम बच्चों के साथ खेल रहा था। उसके पास दो रुपये थे तो वह टाफी खरीदने के लिए बच्चों के साथ दुकान की ओर जाने लगा। विनोद ने बताया कि इस बीच बाइक सवार दो युवक रास्ते में मिले और मुंह दबाकर सत्यम का अपहरण कर लिया। यह देख बच्चे भागकर उसके घर पहुंचे और परिवार वालों को जानकारी दी।

गड़े धन को निकालने में बलि का अंधविश्‍वास

ग्रामीणों की मदद से परिवार के लोगों ने सत्यम की खोजबीन की तो देखा कि गांव के बाहर पुराने टीले के समीप बाइक सवार बच्चे को लेकर खड़े हैं। ग्रामीणों के ललकारने पर वह बच्चे को छोड़कर भाग निकले। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने देख कि टीले के समीप गड्ढा खोदा गया है। साथ ही फूल व नींबू भी पड़ा हुआ है। ऐसे में लोग पुराने टीले से गड़े धन को निकालने को लेकर मासूम के बलि का कयास लगा रहे हैं। बहरहाल मासूम के बाबा कल्लू ने मामले की शिकायत पुलिस से की है। इस संबंध में हर्रायपुर चौकी प्रभारी हरिश्याम चंदेल का कहना है कि मामला संज्ञान में नहीं है। यदि शिकायती पत्र दिया गया होगा तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

पहले भी आ चुके हैं बंजारे

आज के हाईटेक युग में भी लोग अंधविश्वास से ऊपर नहीं उठ पा रहे हैं। अधिकांश लोग इन सब चीजों पर विश्वास करते हैं। इनमें एक कबीला बंजारों का भी होता है, जिनका कोई ठिकाना नहीं होता। सत्यम के बाबा कल्लू ने बताया कि डेढ़ साल पहले भी बंजारों का कुनबा टीले के समीप आकर ठहरा था। उस बीच भी गड्ढा खोदकर पूजा-पाठ किया गया था। रात के अंधेरे में पूजापाठ करने के बाद सभी बंजारे दूसरे दिन भोर में ही गांव छोड़कर चले गए थे। ग्रामीणों ने उस दौरान भी नींबू, फूल-माल आदि सामग्री टीले के समीप देखी थी। गांव के लोगों का कहना है कि अक्सर अनजान लोग टीले के इर्द-गिर्द आकर कुछ दिनों के लिए रहते हैं। मासूम के अपहरण की घटना के बाद से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।

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