जाली नोट के सौदागर को एटीएस ने किया गिरफ्तार, वाराणसी से पकड़कर प्रयागराज की पुलिस को सौंपा

बिहार के पश्चिम चंपारण के मझौलिया थानांतर्गत पुरुषोत्तमपुर निवासी राहुल यादव को एटीएस वाराणसी ने सोमवार को पकड़ा। उससे पूछताछ की गई और फिर उसे दारागंज थाने लाया गया। यहां इंस्पेक्टर जेपी शाही को उसे सौंपकर एटीएस टीम लौट गई।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 09:01 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 09:01 PM (IST)
जाली नोट के सौदागर को एटीएस ने किया गिरफ्तार, वाराणसी से पकड़कर प्रयागराज की पुलिस को सौंपा
उस पर 25 हजार का इनाम घोषित था। उस पर गैंगस्टर के तहत कार्रवाई भी हुई थी।

प्रयागराज, जेएनएन। जाली नोट के सौदागर को सोमवार को एटीएस वाराणसी यूनिट ने लंका क्षेत्र से गिरफ्तार किया। हालांकि, उसे यहां दारागंज थाने की पुलिस को लाकर सौंप दिया गया। वह इस थाने का वांछित था और उस पर 25 हजार का इनाम घोषित था। उस पर गैंगस्टर के तहत कार्रवाई भी हुई थी।


पश्चिम चंपारण बिहार का है रहने वाला

बिहार के पश्चिम चंपारण के मझौलिया थानांतर्गत पुरुषोत्तमपुर निवासी राहुल यादव को एटीएस वाराणसी ने सोमवार को पकड़ा। उससे पूछताछ की गई और फिर उसे दारागंज थाने लाया गया। यहां इंस्पेक्टर जेपी शाही को उसे सौंपकर एटीएस टीम लौट गई। इंस्पेक्टर ने बताया कि वर्ष 2019 में कुंभ में लाखों के जाली नोट खपाने के लिए राहुल ने अपने साथी बप्पा शेख निवासी पश्चिम बंगाल से बात की। उससे रुपये मंगवाए। उसी समय एटीएस को इसकी भनक लग गई थी और बप्पा शेख को अलोपीबाग चौराहे के पास से गिरफ्तार कर लिया गया था। उसके पास से जाली नोट बरामद हुए थे। उसने राहुल यादव का नाम बताया था। यह भी कहा था कि जाली नोटों का सौदागर राहुल ही है। जिस पर उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। उसके खिलाफ गैंगस्टर के तहत भी कार्रवाई की गई थी। उसकी तलाश में पुलिस टीम कई बार उसके घर भी गई, लेकिन सफलता नहीं मिली थी। इसके बाद उस पर 25 हजार का इनाम घोषित किया गया था। एटीएस ने उसे गिरफ्तार कर सौंपा तो उससे पूछताछ की गई। उसने बताया कि यहां से भागने के बाद वह दिल्ली, बिहार में छिप-छिपकर रहता था। 

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