Asthma Attack: बच्चों में दिखे ये लक्षण तो डाक्टर से तुरंत चेकअप कराएं, कहीं अस्थमा तो नहीं
Asthma Attack सरोजनी नायडू बाल रोग चिकित्सालय यानी चिल्ड्रेन अस्पताल में मौसम के बदलाव से होने वाली बीमारियों में अस्थमा से पीड़ित बच्चे भी हैं। इन बच्चों की उम्र पांच से आठ साल के बीच है। कई बच्चों में तो क्रानिक डिजीज मिली यानी बीमारी गंभीर हो चुकी है।
प्रयागराज, जेएनएन। पांच साल से अधिक उम्र के उन बच्चों में अस्थमा बीमारी के लक्षण मिलने की बात अधिक हो रही है, जिनकी ऐसी ही कोई पारिवारिक हिस्ट्री है। घर में किसी को सांस फूलने की बीमारी रही हो, या ननिहाल में किसी को अस्थमा हो तो ज्यादा सतर्क रहें। बच्चों को अगर बार-बार सर्दी जुकाम हो रहा है और इससे आप परेशान हो गए हैं तो किसी बाल रोग विशेषज्ञ से जरूर चेकअप कराएं। अस्थमा से बच्चों का वजन बढ़ना रुक जाता है और शरीर का अपेक्षित विकास भी नहीं हो पाता।
चिल्ड्रेन अस्पताल में अस्थमा पीडि़त बच्चे
सरोजनी नायडू बाल रोग चिकित्सालय यानी चिल्ड्रेन अस्पताल में मौसम के बदलाव से होने वाली बीमारियों में अस्थमा से पीड़ित बच्चे भी हैं। इन बच्चों की उम्र पांच से आठ साल के बीच है। कई बच्चों में तो क्रानिक डिजीज पाई गई है यानी बीमारी अंदर से गंभीर हो चुकी है। इसकी वजह है कि माता-पिता ने लंबे समय तक बच्चे की बीमारी को मामूली सर्दी जुकाम ही समझा और मेडिकल स्टोर से दवा लेकर उसे देते रहे। अगस्त महीने में ही 10 से 12 बच्चों में अस्थमा की शिकायत मिली थी, सितंबर में भी अब तक कई बच्चे इससे पीड़ित मिले हैं।
जानिए, क्या है अस्थमा
अस्थमा सांस संबंधी बीमारी है। चिकित्सक कहते हैं कि इसमें सांस की नली में सूजन आ जाती है। इससे सांस लेने में बच्चों को दिक्कत होने लगती है। सांस लेने में घरघराहट की आवाज आने लगती है, जिसे बच्चाें के सोते समय आसानी से सुना जा सकता है।
बाल रोग विशेषज्ञ लापरवाही न करने की दी सलाह
चिल्ड्रेन अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डा. अंबुज त्रिपाठी ने कहा कि बच्चों में अस्थमा के लक्षण पहचानना मुश्किल होता है। कई बार तो माता पिता अस्थमा को सामान्य सर्दी जुकाम ही समझते रहते हैं। हालांकि कुछ लक्षण ऐसे हैं, जिन्हें पहचान कर मान लेना चाहिए कि बच्चे को अस्थमा है। इसके बाद उसे डाक्टर को जरूर दिखाना चाहिए।
अस्थमा के प्रमुख लक्षण
- बच्चे को खांसी आना, रात में ज्यादा खांसना।
- बच्चे में थकावट जल्दी आना।
- सांस लेने पर घरघराहट की आवाज आना।
- सांस लेते समय पेट का सामान्य से अधिक हिलना।
- सामान्य गतिविधियों में भी तेज सांस आना।