सहायक अध्यापक भर्ती: कापी जांचने में शिक्षिका की गलती की सजा झेल रहे प्रवक्ता कामता प्रसाद

कामता प्रसाद ने सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया था। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से उन्हें अभ्यर्थी राजू की उत्तर पुस्तिका में 46 के स्थान पर 72 अंक दिए जाने के आरोप में आरोपपत्र दिया गया।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 04:12 PM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 04:12 PM (IST)
सहायक अध्यापक भर्ती: कापी जांचने में शिक्षिका की गलती की सजा झेल रहे प्रवक्ता कामता प्रसाद
सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में शिक्षिका की गलती को अंग्रेजी के प्रवक्ता कामता प्रसाद सरोज झेल रहे हैं

प्रयागराज, राज्य ब्यूरो। बेसिक शिक्षा परिषद की वर्ष 2018 की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में एक शिक्षिका की गलती की कीमत अंग्रेजी के प्रवक्ता कामता प्रसाद सरोज चुका रहे हैैं। इसकी जांच उप शिक्षा निदेशक माध्यमिक प्रयागराज मंडल के स्तर से पूरी ही नहीं हो पा रही है। उधर, शिक्षा निदेशालय की लिपिकीय त्रुटि से एक अभ्यर्थी अन्नपूर्णा तिवारी के वास्तविक अंक कम किए जाने के आरोप में उन्हें एक और आरोपपत्र थमा दिया गया। वह निदेशालय के आरोप से तो मुक्त हो गए, लेकिन उप शिक्षा निदेशक के स्तर से अटकी जांच उनके चयन वेतनमान मिलने की राह में समस्या बन गई है।

शिक्षिका की भूल का झेल रहे खामियाजा

कामता प्रसाद ने सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया था। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से उन्हें अभ्यर्थी राजू की उत्तर पुस्तिका में 46 के स्थान पर 72 अंक दिए जाने के आरोप में आरोपपत्र दिया गया। जांच उप शिक्षा निदेशक को सौंपी गई। वह जांच अधिकारी को लिखित स्पष्टीकरण दे चुके हैैं कि राजू की उत्तरपुस्तिका एक महिला प्रवक्ता ने जांची थी, जिन्होंने वास्तविक अंक 46 के स्थान अपनी परीक्षक संख्या का कोड 72 अंकित कर दिया। इसका वह परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में स्पष्टीकरण दे चुके हैैं। इसके अलावा उन्हें शिक्षा निदेशालय से मिले आरोपपत्र में मनोविज्ञान के प्रवक्ता की त्रुटि के लिए भी आरोपित बना दिया गया। जांच के दायरे में होने के कारण उन्हें 2020 में मिलने वाला चयन वेतनमान नहीं मिल सका। 

निदेशालय के आरोप पत्र पर जांच में मिली लिपिकीय त्रुटि को सुधारकर उन्हें दोषमुक्त कर दिया गया। उन्होंने अब उप शिक्षा निदेशक से आरोप सिद्ध न होने का स्पष्टीकरण देकर आरोप मुक्त किए जाने की मांग की है, ताकि रुके वेतनमान का लाभ पा सकें। इसके अलावा चयन और प्रोन्नत वेतनमान में कई और अटके हैैं।

अंतिम राउंड के लिए डायट में खाली बचीं 912 सीटें

डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन (डीएलएड)-2021 में प्रशिक्षण के लिए संस्थान आवंटन के दो राउंड के बाद डायट में सिर्फ 912 सीटें खाली बची हैैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश की ओर से दो राउंड में प्रदेश के सभी डायट संस्थानों में स्वीकृत 10600 सीटों की तुलना में 9688 सीटें अभ्यर्थियों को आवंटित की गईं। इसके साथ ही दूसरे राउंड तक कुल 32035 अभ्यर्थियों ने संस्थान के विकल्प भरे। इसमें से 28384 अभ्यर्थियों को संस्थान आवंटित किए गए।   

परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव संजय कुमार उपाध्याय के मुताबिक पहले राउंड में 7944 और दूसरे राउंड में 1744 अभ्यर्थियों को डायट संस्थान आवंटित किए गए। निजी प्रशिक्षण संस्थानों को मिलाकर दूसरे राउंड तक में 31671 अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण संस्थान आवंटित किए गए, जबकि एक लाख रैैंक तक के अभ्यर्थियों को संस्थान आवंटन के लिए  दूसरे राउंड में अवसर दिया गया था। इन सभी को संबंधित संस्थान में अभिलेख सत्यापन के बाद प्रवेश दिया जाएगा। तीसरे चक्र में संस्थान आवंटन के लिए सभी 2,40,291 अभ्यर्थियों को अवसर दिया गया है।

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