लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों की अस्थियां प्रयागराज के संगम में विसर्जित की गईं
रविवार को लखीमपुर खीरी में मृत किसानों की अस्थियों को लेकर कोई बड़ा नेता बाहर से नहीं आया। जानकारी मिल रही है कि मृत किसानों के स्वजन भी नहीं आए हैं। स्थानीय किसान नेता आदि की मौजूदगी में किसानों की अस्थियों को संगम के जल में प्रवाहित किया गया।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। लखीमपुर खीरी में आंदोलन हुआ था। इस आंदोलन के दौरान दिवंगत हुए किसानों की अस्थियां रविवार को प्रयागराज लाई गईं। त्रिवेणी बांध स्थित लेटे हनुमान मंदिर के निकट एकत्र हुए किसान नेताओं व अन्य संगठनों ने किसानों को नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद संगम तक पदयात्रा निकाली गई। गंगा, यमुना व अदृश्य सरस्वती के जल में अस्थियाें को संगम में प्रवाहित किया गया।
एआइकेएमएस के महासचिव किसानों की अस्थि लेकर आए
रविवार की दोपहर एआइकेएमएस के महासचिव डा. आशीष मित्तल लखीमपुर खीरी में हुए आंदोलन में दिवंगत हुए किसानों की अस्थियों को लेकर त्रिवेणी बांध के पास पहुंचे। यहां संयुक्त किसान मोर्चा, संयुक्त ट्रेड यूनियन व नागरिक समाज से जुड़े लोग शामिल थे। वहां पर फूल-माला अर्पित कर दिवंगत किसानों को श्रद्धांजलि दी गई। करीब एक घंटे से अधिक समय तक श्रद्धांजलि कार्यक्रम चला।
किसानों को दी गई श्रद्धांजलि
इसके बाद संगम तक पदयात्रा निकाली गई। अस्थियों को लेकर किसान नेता संगम पहुंचे और फिर यहां इसे प्रवाहित किया गया। यहां भी दो मिनट का मौन धारण कर दिवंगत किसानों को श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान उपेंद्र पांडेय, उदयराज पटेल, अखिल विकल्प, रवि मिश्र, अरविंद, डा. कमल, सुभाष पटेल, रमाकांत मौर्य आदि बड़ी संख्या में लोग शामिल रहे।
लखनऊ से किसानों की अस्थियां प्रयागराज लाई गईं
एआइकेएमएस के महासचिव डा. आशीष मित्तल ने बताया कि दिवंगत किसानों की अस्थियों को कई कलश में लखनऊ लाया गया था। यहां से एक कलश में रखी गईं अस्थियों को प्रयागराज स्थित संगम में भी प्रवाहित करने के लिए चार दिन पहले लाया गया था। गंगापार और यमुनापार के विभिन्न गांवों में कलश ले जाया गया था, जहां किसानों ने श्रद्धांजलि अर्पित की थी।
मुस्तैद रही पुलिस
संगम में दिवंगत किसानों की अस्थियों को प्रवाहित करने के दौरान पुलिस व्यवस्था का भी प्रबंध किया गया था। त्रिवेणी बांध के निकट बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात थे। संगम के आसपास भी पुलिस तैनात थी। एलआइयू की टीम भी यहां डेरा जमाए थी।