Narendra Giri Case: एसआइटी से संदीप तिवारी ने कहा, महंत ने मंदिर जाने से रोक दिया था

अभियुक्त ने बताया कि कुछ मसलों को लेकर आनंद व नरेंद्र गिरी के बीच विवाद चल रहा था। वह आनंद गिरि का दोस्त है और उन्हीं के कहने पर काम करता था। गुरू-शिष्य के विवाद होने पर नरेंद्र गिरि ने उसे लेटे हनुमान मंदिर जाने से रोक दिया था।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 04:00 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 11:51 AM (IST)
Narendra Giri Case: एसआइटी से संदीप तिवारी ने कहा, महंत ने मंदिर जाने से रोक दिया था
एसआइटी ने सिविल लाइंस बस स्टैंड से पकड़ा है तीसरे वांछित आरोपित को

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में वांछित चल रहे पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी के बेटे संदीप को विशेष जांच दल एसआइटी ने बुधवार शाम सिविल लाइंस बस स्टैंड के पास गिरफ्तार कर लिया। जब वह दूसरे शहर भागने की फिराक में था, तभी उसे पकड़ने का दावा किया जा रहा है। गिरफ्तारी के बाद एसआइटी उसे पुलिस लाइन ले गई और पूछताछ की। इस दौरान अभियुक्त ने बताया कि कुछ मसलों को लेकर आनंद व नरेंद्र गिरी के बीच विवाद चल रहा था। वह आनंद गिरि का दोस्त है और उन्हीं के कहने पर काम करता था। गुरू-शिष्य के विवाद होने पर नरेंद्र गिरि ने उसे लेटे हनुमान मंदिर जाने से रोक दिया था। इसके बाद वह मंदिर नहीं जा रहा था, लेकिन आनंद गिरि के संपर्क में रहता था। पुलिस को जांच में भी आनंद, आद्या और संदीप का एक गुट होने के बारे में साफ पता चला है। इसके पीछे वजह यह बताई गई कि आद्या को मंदिर का मुख्य पुजारी बनाया गया था, जिसके चलते उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं थी। मंदिर के पुजारी होने का नरेंद्र गिरि समर्थन नहीं करते थे। फिलहाल संदीप से अभी पूछताछ चल रही है और गुरुवार को उसे भी कोर्ट में पेश किया जाएगा।

आद्या का बड़ा बेटा महंत के साथ था

पुलिस को पूछताछ के दौरान यह भी पता चला है कि आद्या प्रसाद का बड़ा बेटा दिलीप महंत नरेंद्र गिरि के साथ रहता था। उनकी, मठ और मंदिर के सेवा करता था। हालांकि आद्या और उसका छोटा बेटा संदीप आनंद गिरि के सहयोगी है। इसको लेकर भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।

आनंद ने पुलिस अफसर पर फिर उठाए सवाल

जिला अदालत में बुधवार को पेशी के दौरान आनंंद गिरि ने एक पुलिस अधिकारी की भूमिका पर फिर सवाल उठाया। एक टीवी चैनल से उन्होंने कहा कि पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। ताकि सच्चाई का पता चल सके। इससे पहले उन्होंने हरिद्वार में भी उसी पुलिस अधिकारी पर सवाल उठाए थे।

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