Narendra Giri Death: जानिए ब्लैकमेलिंग वाले वीडियो के बारे में SIT से क्या कहा आनंद गिरि ने
अधिकारियों ने जब आनंद गिरि से सवाल किया कि उन्होंने महंत का कथित आपत्तिजनक वीडियो कब और कैसे बनाया गया तो उन्होंने जवाब दिया कि हमने कोई वीडियो नही बनाया। मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए तो सबकुछ साफ हो जाएगा।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में गिरफ्तार उनके शिष्य आनंद गिरि और लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी से विशेष जांच दल (एसआइटी) ने बुधवार को भी कोर्ट में पेश करने से पहले कई घंटे पूछताछ की। अधिकारियों ने जब आनंद गिरि से सवाल किया कि उन्होंने महंत का कथित आपत्तिजनक वीडियो कब और कैसे बनाया गया तो उन्होंने जवाब दिया कि हमने कोई वीडियो नही बनाया। मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए तो सबकुछ साफ हो जाएगा। उन्हें साजिश के तहत फंसाया जा रहा है और उनकी कोई भूमिका नहीं है।
अब फोन पर भी नहीं होती थी गुरू से बात
नरेंद्र गिरि से खराब हुए संबंधों के लेकर पूछताछ हुई तो बताया कि उनका एक आडियो कई माह पहले आया था। आडियो में नरेंद्र गिरि और उनके कुछ खास लोगों को लेकर कई तरह की बातें कही गई थी, जिसे उन्होंने अपने मोबाइल से डिलीट कर दिया था। आनंद गिरि से पुराने विवादों के बारे में सवाल किया गया तो उनका जवाब था कि विवाद के बाद लिखित समझौता हुआ था। उसमें यह शर्त रखी गई थी कि अखाड़े से उनका निष्कासन रद्द कर दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ था। जब अखाड़े में उन्हें शामिल नहीं किया गया तो वह हरिद्धार में ही रहने लगे थे। वह फोन पर भी नरेंद्र गिरि से बात नहीं करते थे।
दर्शन कराने का किया आग्रह, नहीं खाया कुछ भी
एसआइटी के अधिकारियों ने जब आनंद गिरि को मंगलवार रात खाना दिया तो उन्होंने नहीं खाया। कहा कि गुरुजी का निधन हुआ है और पाचक है, हम खाना नहीं खाएंगे। बुधवार को भी वह पानी ही बार-बार पीते रहे। अभियुक्त ने अपने गुरू का अंतिम दर्शन करने की मांग की तो अधिकारियों ने कहा कि उनकी मौत के मामले में आरोपित हैं और सुरक्षा के लिहाज से उनके पार्थिव शरीर के पास नहीं ले जाया सकता। एसआइटी ने आनंद गिरि से तमाम सवाल करने के बाद आद्या तिवारी से भी लंबी पूछताछ की। उन पर लगाए गए आरोप से जुड़े सवालों की झड़ी लगी तो वह फफक-फफक कर रोने लगे। कहा कि नरेंद्र गिरि उनके लिए भगवान समान थे। मैंने अपना पूरा जीवन उनकी सेवा के लिए समर्पण कर दिया है। पूछताछ के दौरान अफसरों ने एक-दूसरे का आमना-सामना कराते हुए कई सवाल किए। साथ ही आनंद गिरि को सुसाइड नोट दिखाया, गया जिस पर उन्होंने कहा कि नरेंद्र गिरि आत्महत्या नहीं कर सकते। उनकी हत्या की गई है, जिसमें उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया है।