CBI के सामने बोले आनंद गिरि, सबका होगा तो मैं भी करा लूंगा नार्काे टेस्ट

कस्टडी रिमांड की समय सीमा समाप्त होने के बाद जब आनंद गिरि को नैनी जेल भेजा जा रहा था तब उनके अधिवक्ता विजय द्विवेदी ने बातचीत की। इस दौरान भी अभियुक्त ने अधिवक्ता से कहा कि जांच एजेंसी पर उन्हें पूरा भरोसा है लेकिन फ्री एंड फेयर जांच होनी चाहिए।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Tue, 05 Oct 2021 08:30 AM (IST) Updated:Tue, 05 Oct 2021 08:30 AM (IST)
CBI के सामने बोले आनंद गिरि, सबका होगा तो मैं भी करा लूंगा नार्काे टेस्ट
कस्टडी रिमांड में पूछताछ के दौरान कई लोगों के नाम भी किए उजागर

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु की जांच कर रही सीबीआइ के सामने सोमवार को उस वक्त असहज कर देने वाली स्थिति हुई, जब मुख्य आरोपित आनंद गिरि ने कह दिया कि यदि सबका नार्को टेस्ट होगा तो मैं भी करा लूंगा। सात दिनों तक सीबीआइ की कस्टडी में रहने आनंद गिरि स्वयं को निर्दाेष ही बताते रहे। साथ ही आनंद ने महंत की आत्महत्या को हत्या बताते हुए इसमें कुछ लोगों के संलिप्त होने की आशंका भी जताई। हालांकि उनके खिलाफ आनंद गिरि कोई साक्ष्य जांच एजेंसी को उपलब्ध नहीं करा सके। अलबत्ता कई ऐसे लोगों का नाम उन्होंने उजागर किया है, जिसमें कुछ से पूछताछ हो चुकी है और कुछ से होना बाकी है।

जेल भेजते वक्त अधिवक्ता से कही बात

कस्टडी रिमांड की समय सीमा समाप्त होने के बाद जब आनंद गिरि को नैनी जेल भेजा जा रहा था, तब उनके अधिवक्ता विजय द्विवेदी ने बातचीत की। इस दौरान भी अभियुक्त ने अधिवक्ता से कहा कि जांच एजेंसी पर उन्हें पूरा भरोसा है, लेकिन फ्री एंड फेयर जांच होनी चाहिए। इस मामले में अब तक जिन लोगों के नाम प्रकाश में आए हैं, उन सभी का नार्काे टेस्ट कराया जाता है, उन्हें कराने में कोई परेशानी नहीं है। उधर, सूत्रों का कहना है कि अभियुक्तों से पूछताछ के दौरान मिली जानकारी, सुराग, तथ्य और संकलित किए गए साक्ष्य के आधार पर अब सीबीआइ टीम अपनी विवेचना को आगे बढ़ाएगी। इस मामले में अब तक 30 से अधिक लोगों से पूछताछ की जा चुकी है, जबकि कई का बयान रिकार्ड किया जा चुका है। मठ और मंदिर से लेकर अन्य संभावित स्थानों से वैज्ञानिक साक्ष्य भी जुटाए गए हैं। हालांकि महंत के सुसाइड नोट में जिस कथित वीडियो का जिक्र है, उसका अब तक जांच एजेंसी पता नहीं लगा सकी है। कहा जा रहा है कि इसी वीडियो का पता लगाने के लिए सीबीआइ आनंद गिरि का नार्को टेस्ट कराने की तैयारी कर रही है। लेकिन इसके लिए अभियुक्त की सहमति जरूरी है। फिलहाल घटना को हुए 14 दिन का समय व्यतीत हो चुका है, लेकिन अब तक इस मामले का राजफाश नहीं हो सका है।

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