लग्जरी गड़ियों, महंगे मोबाइल के शौकीन हैं आनंद गिरि

गुरु की आत्महत्या मामले में नैनी सेट्रल जेल के भीतर पहुंचे आनंद गिरि लग्जरी गाड़ियों के शौकीन है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 01:54 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 01:54 AM (IST)
लग्जरी गड़ियों, महंगे मोबाइल के शौकीन हैं आनंद गिरि
लग्जरी गड़ियों, महंगे मोबाइल के शौकीन हैं आनंद गिरि

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : गुरु की आत्महत्या मामले में नैनी सेट्रल जेल के भीतर पहुंचे आनंद गिरि (38) कभी श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के पीठाधीश्वर व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के सबसे करीबी शिष्य हुआ करते थे। महिमामंडन का शौक था। 'छोटे महाराज' कहलाते थे। रहन-सहन विशेष था। उनके लग्जरी वाहन, महंगे मोबाइल, कपड़े हर किसी का ध्यान खींचते थे। प्रयागराज में होंडा सिटी में चलते थे। कभी कभार महंगी बुलेट में भी देखा जाता था। हाथ में एप्पल मोबाइल होता था। भगवा कपड़ा भी हजारों रुपये मीटर वाला होता था। साल में सात-आठ महीने विदेश में रहते थे। अमेरिका, कनाडा, फिजी, केन्या, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया में उनका अक्सर आना-जाना होता था। वह भारतीयों के बीच प्रवचन व योग की शिक्षा देने जाते थे लेकिन रहन सहन लग्जरी रहता था।

मूलत: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के आसिन तहसील अंतर्गत ब्राह्मण सरेरी गांव निवासी आनंद गिरि ने 21 अगस्त 2000 को महंत नरेंद्र गिरि से संन्यास लिया था। श्री मठ बाघम्बरी गद्दी में 2005 से सक्रिय हुए। श्रीमहंत विचारानंद संस्कृत महाविद्यालय से संस्कृत, वेद व योग की शिक्षा ग्रहण की अलग पहचान बनाने के लिए अंग्रेजी की पढ़ाई भी की। मंदिर में सक्रिय रहने व वाकपटु होने के कारण नेताओं, अधिकारियों के बीच उनकी लोकप्रियता बढ़ गई। सन 2014 में आनंद गिरि ने खुद को नरेंद्र गिरि का उत्तराधिकारी के रूप में प्रचारित करना शुरू किया तो विरोध हुआ। नरेंद्र गिरि को कहना पड़ा कि आनंद गिरि उनके उत्तराधिकारी नहीं हैं, बल्कि शिष्य हैं, दीक्षा दी है उत्तराधिकारी नहीं बनाया है।

बना ली अलग संस्था: आनंद गिरि ने 2015-16 में गंगा सेना नामक संगठन बनाया। इसके बैनर तले बड़े-बड़े कार्यक्रम भी कराने लगे। माघ मेला व कुंभ मेला में गंगा सेना का शिविर लगाना शुरू कर दिया। इसका श्री मठ बाघंबरी गद्दी व नरेंद्र गिरि से संबंध नहीं था। यह नरेंद्र गिरि के अन्य शिष्यों को नहीं भाता था।

गुरु के मर्जी के बगैर खरीदी जमीन: कुछ साल पहले हरिद्वार के श्यामपुर कांगड़ी में जमीन खरीदकर तीन मंजिला निजी आश्रम बनवाया। इसे रुड़की हरिद्वार विकास प्राधिकरण ने सीज कर दिया। आरोप लगा कि आनंद गिरि मंदिर व मठ के पैसे से खुद का निजी आश्रम बनवा रहे हैं, यह अनुचित है। खटास बढ़ाने का यह भी कारण बना। वह निरंजनी अखाड़ा के नोएडा स्थित आश्रम के प्रभारी बनाए गए थे। आरोप लगा कि प्रभारी बनने के बाद उन्होंने आश्रम की संपत्तियों का दुरुपयोग किया। हरिद्वार में आश्रम बनवाने लगे। इसकी शिकायत निरंजनी अखाड़ा के पंचपरमेश्वर से की गई, इसमें जांच भी बैठी।

आस्ट्रेलिया में गिरफ्तारी से धूमिल हुई छवि: आनंद गिरि के लिए 2019 में आस्ट्रेलिया का दौरा काफी खराब रहा। दो महिलाओं ने अभद्रता व अनैतिक आचरण करने का आरोप लगाया। इस पर उन्हें कई महीने तक जेल में रहना पड़ा। वह चार जून 2019 को सिडनी स्थित ओक्सले पार्क के वेस्टर्न सबअर्ब से गिरफ्तार हुए। सिडनी की अदालत से 11 सितंबर 2019 को बरी जरूर हुए लेकिन,छवि पर बट्टंा लग गया, तब गुरु नरेंद्र गिरि पूरी तरह उनके समर्थन में थे।

वायरल हुई थी फोटो: आनंद गिरि 2017 में विदेश जा रहे थे। बिजनेस क्लास में बैठे थे। उनकी सीट के पास गिलास में कुछ रंगीन पदार्थ रखा था। यह तस्वीर इस रूप में वायरल हुई कि आनंद गिरि प्लेन में शराब पी रहे हैं, लेकिन उन्होंने सफाई में बताया कि यह सेब का जूस है। आनंद गिरि की बुलंदी और गर्दिश का सफरनामा 26 साल का है। कहा जाता है किनरेंद्र गिरि उन्हें 12 साल की उम्र में हरिद्वार आश्रम से श्री मठ बाघम्बरी गद्दी लेकर आए थे। वह बनारस हिदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से स्नातक हैं।

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