Kumbh mela 2019 : अदब की बेटियों को मिल गया खुशियों का खजाना

एएमयू में मेडिकल विभाग के विद्यार्थी कुंभ में लोगों के सेवाकार्य में लगे हैं। 21 सदस्यीय टीम में सात मुस्लिम छात्र-छात्राएं भी शामिल हें।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 19 Jan 2019 08:55 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jan 2019 10:50 AM (IST)
Kumbh mela 2019 : अदब की बेटियों को मिल गया खुशियों का खजाना
Kumbh mela 2019 : अदब की बेटियों को मिल गया खुशियों का खजाना

कुंभ नगर,विजय सक्सेना। सेक्टर 14 स्थित महामंडलेश्वर प्रखर महराज के प्रखर परोपकार मिशन अस्पताल में शनिवार को नकाब पहने कुछ युवतियां मरीजों की सेवा करती नजर आईं। गले में आला लटकाए यह युवतियां और साथ में कुछ युवक बीमार साधु-संतों की देखभाल कर रहे थे। कुछ के माथे पर चंदन का टीका भी लगा था। यह देख आश्चर्य हुआ कि नकाब पहने युवतियां और चंदन लगाए युवक पूरे मन से सेवाकार्य में जुटे हैं। पूछने पर पता चला कि यह सब अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में मेडिकल विभाग के विद्यार्थी हैं और पहली बार कुंभ में आने का मौका मिला है। यहां आने के बाद उन्हें लग रहा है जैसे खुशियों का खजाना मिल गया।

21 सदस्यीय टीम कर रही श्रद्धालुओं की सेवा

धर्म और अध्यात्म की नगरी कुंभ में एएमयू के मेडिकल विभाग से 21 सदस्यों की टीम आई है, उसमें सात मुस्लिम छात्र-छात्राएं भी हैं। मरीजों के प्रति उनकी श्रद्धा और सेवाभाव हर किसी को प्रभावित करती है। पहली बार कुंभ में आई डॉ. शादमा शाहीन इतने बड़े क्षेत्र में तंबुओं की नगरी देखकर आश्चर्यचकित हैं। बोलीं, रात का नजारा अद्भुत कर देने वाला है।

डॉ. शाहीन ने कहा, आस्था का ऐसा संगम और कहीं नहीं

डॉ. शाहीन रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन एएमयू की सचिव भी हैं। कहा कि धर्म और आस्था का ऐसा संगम दुनिया में कहीं और नहीं हो सकता, जहां हर तरफ अध्यात्म की धारा बह रही हो। कुछ अलग करने की सोच लेकर कुंभ में आई डॉ. शाहीन बीमार श्रद्धालुओं की सेवा करके खुशी पा रही हैं। बताया कि यहां आने की योजना करीब तीन माह पहले बनाया था। माता-पिता समेत परिवार के अन्य लोगों ने कुंभ में जाने से मना नहीं किया लेकिन समाज के कुछ अन्य लोगों को यह जानकर जरूर अटपटा लगा। कई कारण बताते हुए लोगों ने कुंभ में न जाने के लिए भी कहा लेकिन मन नहीं माना और साथी डॉक्टरों को भी इसके लिए तैयार कर लिया।

डॉ. शबाउद्दीन ने कहा, मुस्लिम समाज में जाएगा संदेश

उनके साथ डॉ. हमजा मलिक, डॉ. शबाउद्दीन अमर, डॉ. ताहिर अजीज, डॉ. मुबस्सर हसन, डॉ. दानिस अहमद खान एवं डॉ.आजम समेत कुछ हिंदू डॉक्टर भी हैं। डॉ. शबाउद्दीन कहती हैं यहां आने का उद्देश्य यह है कि मुस्लिम समाज में अलग संदेश जाए। धर्म की राजनीति करने वालों को यह संदेश मिले कि यहां हिंदू-मुस्लिम एकता का भी परचम लहरा रहा है। बोलीं, कुछ मित्रों ने प्रयागराज कुंभ में जाने के लिए मना भी किया लेकिन यहां आने के बाद समझ में आया कि वह लोग पूरी तरह गलत थे। तीन दिनों से यहां सेवा कार्य में जुटे डॉ. हमजा ने बताया कि एएमयू मेडिकल विभाग के डीन समेत कुछ अध्यापकों ने भी कुंभ में जाने के लिए प्रोत्साहित किया।

पैसा एकत्र कर खरीदी दवा, जरूरी सामान

कुंभ में आने के पहले एएमयू के इन छात्र-छात्राओं ने पूरी तैयारी की है। दवा और जरूरी सामान खरीदने के लिए पैसे एकत्र किए। इसमें काफी विद्यार्थियों ने सहयोग किया। डॉ. हमजा ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति ने भी 25 हजार रुपये दिए। यह लोग साथ में लाई गई दवा बीमार साधु-संतों को भी बांट रहे हैं।

कैमरों में सहेज रहे कुंभ

यह मुस्लिम डॉक्टर कुंभ की हर छटा को मोबाइल कैमरों में कैद भी कर रहे हैं। कहते हैं, जिन मित्रों और समाज के लोगों ने उन्हें कुंभ में जाने से मना किया था, उन्हें यह फोटो दिखाएंगे। डॉ. दानिश बोले, धर्म के नाम पर समाज को बांटने वालों के बीच यह संदेश जाए कि कुंभ में भी हर धर्म के लोग मौजूद हैं।

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