Amrit Yojana in Prayagraj: एजेंसी का करोड़ों रुपये गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई पर बकाया, लोग अभी झेलेंगे मुसीबत

Amrit Yojana in Prayagraj अमृत योजना के तहत घरों में सीवर कनेक्शन मुफ्त कराने का प्रावधान है। इसके लिए गली-मोहल्लों में खोदी गई सड़कें और गलियां बनवाने के लिए योजना में ही बजट की भी व्यवस्था की गई है। बजट न मिलने से एजेंसी का इकाई पर बकाया है।

By Brijesh Kumar SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 09:02 AM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 09:02 AM (IST)
Amrit Yojana in Prayagraj: एजेंसी का करोड़ों रुपये गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई पर बकाया, लोग अभी झेलेंगे  मुसीबत
गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई पर एजेंसी का बकाया न होने से खोदी गई सड़कें नहीं बन पा रही है।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में अमृत योजना के तहत शहर उत्तरी और शहर पश्चिमी विधानसभा क्षेत्रों के घरों में सीवर कनेक्शन कराए गए हैं। इसके लिए खोदी गई ज्यादातर सड़कें और गलियां बदहाल छोड़ दी गई हैं। खस्ताहाल सड़कें और गलियां न बन पाने की वजह काम कराने वाली एजेंसी का करोड़ों रुपये गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई पर बकाया होना है। इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। सड़कें-गलियां गड्ढों में तब्दील होने से आए दिन लोग गिरकर चुटहिल हो रहे हैं।

शासन से बजट न मिलने से एजेंसी का इकाई पर बकाया है

अमृत योजना के तहत घरों में सीवर कनेक्शन मुफ्त कराने का प्रावधान है। इसके लिए गली-मोहल्लों में खोदी गई सड़कें और गलियां बनवाने के लिए योजना में ही बजट की भी व्यवस्था की गई है। काफी समय से शासन से बजट न मिलने के कारण एजेंसी का इकाई पर बकाया हो गया है। इसी वजह से सड़कें और गलियां नहीं बन पा रही हैं।

जल निगम के अधिशासी अभियंता ने यह कहा

जल निगम के अधिशासी अभियंता आनंद दुबे का कहना है कि एजेंसी का करीब एक करोड़ रुपये बकाया है। भुगतान के लिए शासन से बजट की मांग की गई है। जल्द बजट आने की उम्मीद है। हालांकि, उनका यह भी कहना है कि अधिक ठंड में सड़क बनने पर डामर (विटबिन) पकड़ता नहीं है। इसलिए भी सड़कें नहीं बनवाई जा रही हैं।

इन क्षेत्रों में सड़कें और गलियां नहीं बनीं

अल्लापुर, अलोपीबाग, सोहबतियाबाग, तिलक नगर, नेह निकुंज, आनंद अखाड़ा, शिवकुटी में मेला रोड, सलोरी, बेनीगंज, काङ्क्षलदीपुरम, राजरूपपुर, करेली क्षेत्रों में ज्यादातर जगहों पर सीवर लाइन के कनेक्शन के बाद सड़कें और गलियां जस की तस छोड़ दी गई हैं। इसकी वजह से कई जगह लोगों का घरों से निकलना भी मुश्किल है।

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