अमित शाह आचार संहिता उल्लंघन के दो मुकदमों में बरी
पहला केस मुजफ्फर नगर जिले के थाना नई मंडी में 12 अप्रैल 2014 को दर्ज हुआ था। इसमें अमित शाह पर जाति व धर्म के आधार पर मतदाताओं को लामबंद करने की कोशिश का आरोप था।
प्रयागराज : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आचार संहिता के दो मुकदमों में बरी हो गए हैं। सोमवार को मामले की सुनवाई हुई तो गवाहों के पास इस संबंध में कोई साक्ष्य नहीं मिले। इस पर एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने खुली अदालत में उन्हें दोषमुक्त करने का फैसला सुनाया।
इन दोनों मुकदमों में अभियोजन अधिकारी हरिओंकार सिंह, राधाकृष्ण मिश्र, लाल चंदन, शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि व राजेश गुप्ता ने कोर्ट में तर्क प्रस्तुत किए। अदालत को बताया गया कि दोनों ही मामले में विवेचक द्वारा अमित शाह को क्लीन चिट दे दी गई है। फाइनल रिपोर्ट को स्वीकृत करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। पहला केस मुजफ्फर नगर जिले के थाना नई मंडी में 12 अप्रैल 2014 को दर्ज हुआ था। इसमें अमित शाह पर जाति व धर्म के आधार पर मतदाताओं को लामबंद करने की कोशिश का आरोप था।
रिटर्निग ऑफीसर राम कुमार ने रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन कोर्ट में सुनवाई के दौरान उन्होंने अर्जी दी कि उनके पास कोई साक्ष्य नहीं है। वह मुकदमा नहीं लड़ना चाहते हैं। दूसरा मुकदमा शामली जिले के आदर्श मंडी थाने में छह अप्रैल 2014 को कर अधीक्षक सुरेंद्र सिंह ने दर्ज कराया था। आरोप था कि अमित शाह ने अपने भाषण में जनता की भावनाएं भड़काने और वर्ग विशेष के विरुद्ध वैमनस्यता फैलाने का कार्य किया था। इस मामले में भी मुकदमा वादी कोर्ट के समक्ष कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सके। सोमवार को मामले की सुनवाई हुई तो गवाहों के पास इस संबंध में कोई साक्ष्य नहीं मिले।कोर्ट ने फाइनल रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए पत्रावली दाखिल दफ्तर का आदेश दिया।