Ambulance Strike in Prayagraj: अब फार्मासिस्ट बनेंगे 102 व 108 एंबुलेंस के चालक, वैकल्पिक तैयारी
Ambulance Strike in Prayagraj 108 102 एंबुलेंस सेवा के नोडल अधिकारी एसीएमओ डा. अशोक चौरसिया ने बताया कि एंबुलेंस का वैकल्पिक संचालन करते हुए सीएचसी व पीएचसी में कार्यरत आरबीएसके और सुपरविजन स्टाफ से गाडिय़ां चलवाई जाएंगी। फार्मासिस्ट भी एंबुलेंस चलाएंगे। कर्मी काम पर लौटे तो पुरानी व्यवस्था लागू होगी।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। उत्पीडऩ का आरोप लगाकर हड़ताल कर रहे एंबुलेंस कर्मियों से स्वास्थ्य विभाग ने गाडिय़ां ले ली हैं। सभी एंबुलेंस को सीएचसी, पीएचसी भेज दिया गया है और वहीं कार्यरत स्टाफ से इनके संचालन की योजना विकल्प के तौर पर बन गई है। उधर जो एंबुलेंस कर्मी सरकारी आवासों में रह रहे हैं उन्हें वापस न लौटने की दशा में आवास खाली कर देने का निर्देश दिया गया है। एंबुलेंस सेवा के नोडल अफसर ने दावा किया है कि कुछ कर्मचारी गुरुवार शाम तक काम पर लौट आए हैं। अन्य कर्मी शुक्रवार तक नहीं लौटे तो उनकी जगह जीवीके कंपनी दूसरे कर्मचारियों की भर्ती करेगी।
हड़ताली एंबुलेंस कर्मियों से आवास खाली करने को कहा
प्रयागराज जिले में 108, 102 और एएलएस एंबुलेंस सेवा के करीब 400 कर्मचारी हैं। यह सभी आउटसोर्स कर्मी हैं। इनमें कई के पास निजी आवास हैं। उनके अतिरिक्त अन्य स्टाफ को सीएचसी, पीएचसी में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों वाले आवास दिए गए हैं। हालांकि यह आवास नियमानुसार न होकर प्रभारी चिकित्साधिकारी से मानवीयता के आधार पर मिले हैं। एंबुलेंस कर्मियों पर स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को शिकंजा कसते हुए आवास खाली करने को कहा है। यह भी कहा है कि कोई कर्मचारी हड़ताल खत्म करके काम पर लौटना चाहता है तो कार्रवाई से बच जाएगा।
हड़ताल से प्रयागराज की स्वास्थ्य सेवा प्रभावित
एंबुलेंस चालकों की हड़ताल से जिले की स्वास्थ्य सेवा पर पड़ते विपरीत असर और लोगों की तकलीफ को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एक और बड़ा कदम उठाया है। त्रिवेणीपुरम झूंसी में खड़ी सभी एंबुलेंस की चाबियां अपनी सुपुर्दगी में लेकर गाडिय़ां सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेज दी हैं। इनमें कुछ गाडिय़ों का संचालन शुरू भी करा दिया गया है। जो कर्मचारी हड़ताल का इरादा त्याग कर काम पर लौटे उन्होंने भी एंबुलेंस चलाई।
विभाग ने की वैकल्पिक व्यवस्था
108, 102 एंबुलेंस सेवा के नोडल अधिकारी एसीएमओ डा. अशोक चौरसिया ने बताया कि एंबुलेंस का वैकल्पिक संचालन करते हुए सीएचसी व पीएचसी में कार्यरत आरबीएसके और सुपरविजन स्टाफ से गाडिय़ां चलवाई जाएंगी। फार्मासिस्ट भी एंबुलेंस चलाएंगे। यदि कर्मचारी काम पर लौट आते हैं तो पुरानी व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।
पहले कहा कोरोना योद्धा फिर बनाया अपराधी
जीवनदायिनी 102, 108, एएलएस एंबुलेंस संघ के अध्यक्ष आशीष मिश्रा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग अन्याय कर रहा है। कोरोना संक्रमण के दौर में एंबुलेंस कर्मियों ने जान जोखिम में डालकर दिन रात मरीजों की सेवा की थी। सैकड़ों लोगों की जान बचाई। स्वास्थ्य विभाग ने एंबुलेंस कर्मियों को कोरोना योद्धा का दर्जा दिया था लेकिन अब हम सभी अपना अधिकार मांग रहे हैं तो उसी स्वास्थ्य विभाग ने सभी को अपराधी समझकर सख्त व्यवहार शुरू कर दिया है।