Allahabad University ने बर्बाद कर दी जिंदगी, अब कर लूंगा सुसाइड, बीसीए के छात्र का वाट्सएप चैट वायरल
डेढ़ साल हो गए और अब तक परीक्षा नहीं कराई जा सकी और न प्रोन्नत किया गया। अब यह वाट्सएप चैट इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया है। इसके पूर्व बीसीए 2017-2020 सत्र के छात्रों ने विवि के प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र भी लिखा गया।
प्रयागराज, [गुरुदीप त्रिपाठी]। सर बहुत परेशान हैं...। आठ बार परीक्षा स्थगित की जा चुकी है। इस बारे में कम से कम 50 बार लिखित शिकायत कर चुके हैं। पांच लाख रुपये एमबीए की फीस जमा कर चुके हैं। वह बोल रहे हैं प्रवेश निरस्त कर देंगे। अब आप बताइए क्या करें। या तो सुसाइड कर लें या कोर्ट केस करें। कुछ समझ नहीं आ रहा है। जिंदगी बर्बाद हो गई है इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पढ़कर...।
परीक्षा पर कोई फैसला न होने से आहत हैं कई छात्र
यह इलाहाबाद विश्वविद्यालय के बीसीए छात्र का दर्द है। उसने अपनी व्यथा सीनियर से साझा की। उसका कहना है कि डेढ़ साल हो गए और अब तक परीक्षा नहीं कराई जा सकी और न प्रोन्नत किया गया। अब यह वाट्सएप चैट इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया है। इसके पूर्व बीसीए 2017-2020 सत्र के छात्रों ने विवि के प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र भी लिखा गया। पत्र में छात्रों का कहना है कि वह उत्तीर्ण हो चुके हैं। पांचवे सेमेस्टर की परीक्षा में एक विषय में बैक लगने के बाद परीक्षा बार-बार स्थगित की जा रही है। सीबीसीएस नियमों के मुताबिक फाइनल ईयर के किसी भी सेमेस्टर में यदि बैक लगता है तो 45 दिन के भीतर परीक्षा कराने का नियम है। इस लिहाज से छात्रों ने एपियरिंग का जिक्र करते हुए एमबीए में प्रवेश के लिए आवेदन कर दिया। अब उनका प्रवेश निरस्त हो सकता है, क्योंकि संस्थान ने दाखिले की प्रक्रिया पूरी करने के लिए मई तक की मोहलत दी है।
बोले, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर रमेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि व्हाट्सएप चैट वायरल होने के बारे में जानकारी मिली है। 15 छात्रों की परीक्षा कराई जानी है। इनकी सहमति से फरवरी में ऑफलाइन मोड में परीक्षा कराने की सहमति बनी। बाद में कोरोना का हवाला देकर छात्र ऑनलाइन परीक्षा की मांग करने लगे। अब कोरोना की वजह से सारी परीक्षा स्थगित कर दी गई हैं।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पीआरओ ने यह कहा
इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पीआरओ डॉक्टर जया कपूर ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन अपने छात्रों के हित को सर्वोपरि मानकर ही हर निर्णय ले रहा है। जिन छात्रों का बैक पेपर इंटरमीडिएट सेमेस्टर का है उनको प्रमोट किया गया है। प्रथम एवं अंतिम सेमेस्टर के छात्रों का बैक पेपर जुलाई-अगस्त की परीक्षा के साथ होना प्रस्तावित है। यदि किसी छात्र को समस्या है तो हताश न होकर विभागाध्यक्ष से संपर्क कर समाधान निकालने का प्रयास करना उचित होगा।