फिल्म जगत में छा गया Allahabad University का छोरा, जानिए आखिर कौन है प्रयागराज का यह शख्स

ध्रुव की इस फिल्म में भारतीय व पाश्चात्य दर्शन को आधार बनाकर स्वप्न और मृत्यु या मृत्यु के बाद के जीवन का एक विस्तार है। इसमें फ्रांस के मशहूर दार्शनिक रेने डेकार्ट का प्रसिद्ध सिद्धांत मैं सोच रहा हूं इसलिए मैं हूं को दिखाया गया है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 06:00 AM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 08:02 AM (IST)
फिल्म जगत में छा गया Allahabad University का छोरा, जानिए आखिर कौन है प्रयागराज का यह शख्स
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शोध छात्र ध्रुव हर्ष ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपनी एक अलग पहचान बना ली है।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के शोध छात्र ध्रुव हर्ष ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपनी एक अलग पहचान बना ली है। युवा फिल्म निर्देशक ध्रुव की दो फिल्में हर्षित (2017) और डू आइ एग्जिस्ट : अ रिडल (2020) अब डिज़्नी हॉटस्टार पर फ्री में देखी जा सकती है।

स्वप्न और मृत्यु या मृत्यु के बाद के जीवन का एक विस्तार

ध्रुव की इस फिल्म में भारतीय व पाश्चात्य दर्शन को आधार बनाकर स्वप्न और मृत्यु या मृत्यु के बाद के जीवन का एक विस्तार है। इसमें फ्रांस के मशहूर दार्शनिक रेने डेकार्ट का प्रसिद्ध सिद्धांत 'मैं सोच रहा हूं, इसलिए मैं हूं को दिखाया गया है। फिल्म की कहानी सिद्धार्थ और मारवी नामक एक विवाहित जोड़े के इर्द-गिर्द घूमती है। सिद्धार्थ बुद्ध का प्रतीक है और पत्नी मारवी सुंदरता और भ्रम का प्रतीक है। दोनों के बीच गर्भधारण करने के मुद्दे पर विवाद होने के कारण सिद्धार्थ आत्महत्या कर लेता है। लेकिन मरने के बाद भी उसकी आत्मा मुक्त नहीं हो पाती।

सांसारिक मायाजाल में फंस जाती है आत्मा

सिद्धार्थ की आत्मा शांति चाहती है परन्तु सांसारिक मायाजाल से नहीं निकल पाती है। सिद्धार्थ की आत्मा पत्नी मारवी के साथ बिताए पलों को संजोता है। अंत में जैसे ही कथा आगे बढ़ती है, वह एक बौद्ध भिक्षु को स्वप्न में देखता है। जो उसे शारीरिक इच्छा और भ्रम से मुक्त करता है। बताता है कि ये दुनिया तुम्हारी नहीं है। फिल्म की मुख्य भूमिका में अनुराग सिन्हा, नैंसी ठक्कर और निशांत कर्की हैं। ध्रुव हर्ष ने इससे पहले दो लघु फिल्म ऑनरेबल मेंशन (2015) और शेक्सपियर के नाटक हेमलेट पर आधारित शार्ट फिल्म हॢषत (2017) का निर्देशन किया है। 

2017 में इविवि से की पीएचडी

हर्ष का जन्म तुलसी, पतंजलि, पाणिनि और अदम गोंडवी की भूमि (गोंडा) के मनकापुर तहसील में हुआ। उन्होंने इविवि से अंग्रेजी साहित्य में परास्नातक करने के बाद 2017 में पीएचडी की। इसी दौरान उनका रुख फिल्म जगत की ओर मुड़ा। ज्यों ही उनकी पीएचडी पूरी हुई वह मुंबई पहुंच गए। ध्रुव हर्ष ने इविवि दीक्षा समारोह में अपनी पीएचडी की डिग्री लेने से मना कर दिया था। उनका मानना था कि यह समारोह विवि के सांस्कृतिक और प्रशासनिक मूल्यों के खिलाफ आयोजित किया जा रहा है।

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