Allahabad University ने बनाया हर्बल इन्‍हेलर, Corona व अन्‍य संक्रमण से लडऩे में होगा कारगर

हर्बल इनहेलर में अजवाइन मुलेठी तुलसी लेमन ग्रास और लेवेंडर का प्रयोग किया गया है। डाक्टर रोहित ने बताया कि अजवाइन में थाइमाल नामक यौगिक पाया जाता है जो संक्रमण रोकने में सहायक होता है। मुलेठी में ग्लैब्रोडीन नाम का यौगिक होता है। यह गले फेफड़े का संक्रमण रोकता है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 12:55 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 12:55 PM (IST)
Allahabad University ने बनाया हर्बल इन्‍हेलर, Corona व अन्‍य संक्रमण से लडऩे में होगा कारगर
इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डाक्‍टर रोहित कुमार मिश्र बोले कि हर्बल इन्‍हेलर में संक्रमण से लड़ने की क्षमता है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के सेंटर आफ साइंस एंड सोसाइटी के एसोसिएट प्रोफेसर डाक्टर रोहित कुमार मिश्र ने अपनी टीम के साथ हर्बल इन्‍हेलर बनाया है। कोरोना समेत अन्य संक्रमण को मात देने में यह अनोखा हर्बल इनहेलर (श्वसक) काम करेगा। ऐसा दावा किया जा रहा है। औषधीय तरीकों से तैयार यह इन्‍हेलर जल्द ही बाजार में भी कम कीमत में लोगों को सुलभ हो सकेगा। डाक्टर रोहित ने बताया कि शिक्षा मंत्रालय की परियोजना डिजाइन इनोवेशन सेंटर आइआइटी (बीएचयू) के साथ मिलकर यह इनहेलर तैयार किया गया है।

डाक्‍टर रोहित ने रसोई में पाए जाने वाली औषधियों पर किया अध्‍ययन

डाक्टर रोहित कुमार मिश्र बताते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर में डाक्टरों ने लोगों को कोरोना से बचने के लिए भाप लेने की सलाह दी थी। हालांकि, अब लोगों ने भाप लेना छोड़ दिया है। ऐसे में उन्होंने रसोई में पाई जाने वाली औषधि पर अध्ययन किया। उन्होंने अपने अध्ययन में पाया कि इन औषधि में संक्रमण से लडऩे वाले कई यौगिकों की उपस्थिति है। इस पर उन औषधियों के मिश्रण से हर्बल इन्‍हेलर तैयार किया।

इन औषधियों को मिलाकर बनाया गया है इनहेलर

हर्बल इनहेलर में अजवाइन, मुलेठी, तुलसी, लेमन ग्रास और लेवेंडर का प्रयोग किया गया है। डाक्टर रोहित ने बताया कि अजवाइन में थाइमाल नामक यौगिक पाया जाता है, जो संक्रमण रोकने में सहायक होता है। मुलेठी में ग्लैब्रोडीन नाम का यौगिक होता है। यह गले और फेफड़े का संक्रमण रोकता है। तुलसी में भी कई यौगिकों की उपस्थिति पाई गई, जिसके अलग-अलग काम हैं। लेवेंडर में लीनालोन नाम का यौगिक होता है। यह एंटीवायरल होता है। इसके अलावा यह महकता भी है। इससे लोगों को परेशानी भी नहीं होती है। जबकि, लेमन ग्रास रिफ्रेशिंग का काम करता है।

अब मंजूरी मिलने का इंतजार

डाक्टर रोहित बताते हैं कि उन्होंने हर्बल इनहेलर के दो हजार पीस तैयार किए हैं। अब मेडिकल परीक्षण के लिहाज से इसे पुणे स्थित नेशनल केमिकल लेबोरेटरी भेजा गया है। इसके अलावा दिल्ली के एक संस्थान भी परीक्षण के लिए भेजा गया है। वहां से मंजूरी मिलने का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद इसे बाजार में उतारने की तैयारी है। यह शोध प्रयागराज के नेशनल एकेडमी आफ साइंस के न्यूजलेटर में प्रकाशित है। अब प्रतिष्ठित जर्नल में प्रकाशित कराने के बाद पेटेंट के लिए आवेदन किया जाएगा।

इन्‍हेलर की कीमत 20 से 25 रुपये होगी

डाक्टर रोहित ने बताया कि अब तक उन्होंने दो हजार इनहेलर तैयार किया है। एक इनहेलर के पीछे सात से आठ रुपये की लागत आई। अब जल्द ही मंजूरी मिलने के बाद इसे बाजार में उतारा जाएगा। बाजार में इसकी कीमत 20 से 25 रुपये के करीब होगी। इससे लोगों को कोरोना के दौरान भाप लेने की आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी।

हर्बल इनहेलर का इविवि में लोकार्पण

इनहेलर का इविवि में विज्ञान संकाय के डीन और आइआइडीएस के निदेशक प्रोफेसर शेखर श्रीवास्तव ने लोकर्पण भी कर दिया है। विशिष्ट अतिथि अपर आयुक्त प्रयागराज पुष्पराज सिंह ने केंद्र द्वारा ग्रामीण विकास में किए गए कार्यों की सराहना की। साथ ही शासन से मदद का आश्वासन दिया। विश्वविद्यालय के मुख्य कुलानुशासन एवं विशेष आमंत्रित अतिथि प्रोफेसर हर्ष कुमार श्रीवास्तव ने केंद्र द्वारा समय-समय पर किए गए कार्यों की सराहना की। केंद्र के सहायक प्रोफेसर डा. शशिकांत शुक्ला एवं डा. अर्पणा पांडेय ने सेंटर की ओर से धन्यवाद ज्ञापन दिया।

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