Allahabad High Court ने कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर राज्य सरकार से जवाब-तलब किया, जल निगम का मामला
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जानना चाहा है कि क्या कर्मचारियों की सहमति के बिना उनको प्रतिनियुक्ति पर भेजा जा सकता है। हाई कोर्ट ने कर्मचारियों की सेवा शर्तें व अन्य जानकारियों के साथ छह दिसंबर तक जवाब मांगा है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जल निगम में कार्यरत ग्रुप डी कर्मचारियों को बिना उनकी सहमति के अन्य निगमों में प्रतिनियुक्ति पर भेजने के खिलाफ याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। प्रतिनियुक्ति पर 1238 कर्मचारियों को भेजा गया है। कोर्ट ने उनकी यथास्थिति कायम रखने का निर्देश दिया है। सुरेश कुमार पाल व अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने यह आदेश दिया है।
याची के अधिवक्ता सीमांत सिंह का कहना था कि उत्तर प्रदेश जल निगम में 5175 ग्रुप डी कर्मचारियों की नियुक्ति की गई। 18 अगस्त 2021 को शासनादेश जारी करके कहा गया कि जल निगम की आर्थिक हालत ठीक नहीं है। कार्यरत कर्मचारियों को समय से वेतन और सेवानिवृत्त कर्मियों को पेंशन आदि का भुगतान नहीं हो पा रहा है। ऐसे में आवश्यकता से अधिक कर्मचारियों को अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति पर भेज दिया जाए।
चीफ इंजीनियर ने ग्रुप डी कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष को पत्र लिखकर प्रतिनियुक्ति पर भेजने पर सहमति मांगी। उस पर किसी भी कर्मचारी ने सहमति नहीं दी। इसके बावजूद चीफ इंजिनियर ने 1238 ऐसे कर्मचारियों को जिनकी सेवाएं अभी लंबी हैं, प्रदेश के विभिन्न निगमों में प्रतिनियुक्ति पर भेजने का आदेश जारी कर दिया।
कोर्ट ने जानना चाहा है कि क्या कर्मचारियों की सहमति के बिना उनको प्रतिनियुक्ति पर भेजा जा सकता है। कोर्ट ने कर्मचारियों की सेवा शर्तें व अन्य जानकारियों के साथ छह दिसंबर तक जवाब मांगा है।