Allahabad High Court: न्यायमूर्ति एमएन भंडारी इलाहाबाद हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त

Allahabad High Court मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय यादव ने बीती 12 जून को शपथ ली थी। अब उनका स्थान लेने वाले न्यायमूर्ति भंडारी का जन्म 12 सितंबर 1960 को हुआ है। वह पांच जुलाई 2007 को राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश बने।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 02:09 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 04:06 PM (IST)
Allahabad High Court: न्यायमूर्ति एमएन भंडारी इलाहाबाद हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त
इलाहाबाद हाई कोर्ट वरिष्ठ न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ (एमएन) भंडारी

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट वरिष्ठ न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ (एमएन) भंडारी को मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। वह इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय यादव के अवकाश ग्रहण करने के बाद 26 जून से अपना कार्यभार संभालेंगे।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय यादव ने बीती 12 जून को शपथ ली थी। अब उनका स्थान लेने वाले न्यायमूर्ति भंडारी का जन्म 12 सितंबर 1960 को हुआ है। वरिष्ठ न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ (एमएन) भंडारी पांच जुलाई 2007 को राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश बने। इसके बाद 15 मार्च 19 को जयपुर से तबादला होकर इलाहाबाद हाईकोर्ट आये। उनका कार्यकाल करीब 14 महीने का रहेगा। वह 12 सितंबर 2022 को सेवानिवृत्त होंगे।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस मुनीश्वर नाथ भंडारी की नियुक्ति की है। इलाहबाद हाई कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मुनीश्वर नाथ भंडारी 26 जून को इलाहबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का पद संभालेंगे।

वरिष्ठ न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ (एमएन) भंडारी ने जोधपुर और जयपुर में राजस्थान हाई कोर्ट के साथ ही केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण जयपुर के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में भी वकालत की है। सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने संवैधानिक, सिविल, सेवा, श्रम, आपराधिक और मध्यस्थता मामलों में वकालत की। वह संवैधानिक, सेवा, श्रम और मध्यस्थता मामलों में विशेषज्ञ माने जाते हैं। न्यायमूर्ति भंडारी रेलवे के साथ ही राजस्थान सड़क परिवहन निगम, परमाणु ऊर्जा निगम, राजस्थान राज्य चुनाव आयोग, राजस्थान विश्वविद्यालय, राजस्थान की सरकारी बिजली कंपनियां, जयपुर विकास प्राधिकरण, जयपुर नगर निगम, राजस्थान हाउसिंग बोर्ड, गंगा नगर शुगर मिल्स लिमिटेड तथा राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय को भी स्थाई वकील के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।  

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