इलाहाबाद हाई कोर्ट ने धरना-प्रदर्शन में चुनाव चिह्न के इस्तेमाल पर चुनाव आयोग से किया जवाब तलब

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चुनाव चिह्न को राजनीतिक दलों की ओर से रैलियों और प्रदर्शनों में प्रयोग करने की वैधता के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर भारतीय निर्वाचन आयोग को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का अतिरिक्त समय दिया है।

By Umesh Kumar TiwariEdited By: Publish:Wed, 13 Jan 2021 11:04 PM (IST) Updated:Wed, 13 Jan 2021 11:04 PM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने धरना-प्रदर्शन में चुनाव चिह्न के इस्तेमाल पर चुनाव आयोग से किया जवाब तलब
हाईकोर्ट में राष्ट्रीय पुष्प कमल को बीजेपी का चुनाव चिह्न घोषित करने की वैधता को चुनौती दी गई है।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चुनाव चिह्न को राजनीतिक दलों की ओर से रैलियों और प्रदर्शनों में प्रयोग करने की वैधता के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर भारतीय निर्वाचन आयोग को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का अतिरिक्त समय दिया है। साथ ही याची को अन्य राष्ट्रीय पार्टियों को पक्षकार बनाने की छूट दी है। याचिका की अगली सुनवाई 22 फरवरी को होगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति संजय यादव व न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने गोरखपुर सपा नेता सामाजिक कार्यकर्ता कालीशंकर की जनहित याचिका पर दिया है। याचिका में राष्ट्रीय पुष्प कमल को भारतीय जनता पार्टी का चुनाव चिह्न घोषित करने की वैधता को चुनौती दी गई है। सुनवाई के दौरान उठे चुनाव चिह्न का दुरुपयोग का मुद्दा उठा। जनप्रतिनिधित्व कानून आयोग को चुनाव लड़ने के लिए चिह्न आवंटित करता है, जिसका राजनीतिक दल हमेशा इस्तेमाल करते हैं।

हाई कोर्ट में यह सवाल भी उठा है कि राजनीतिक दलों का चुनाव चिन्ह को हमेशा इस्तेमाल करने की अनुमति निर्दलीय प्रत्याशियों के प्रचार करने के अधिकार के अवसर को कम करता है, जो निष्पक्ष चुनाव के मानकों के विपरीत है। कोर्ट ने चुनाव आयोग व सरकार से जवाब मांगा था। निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता बीएन सिंह ने कोर्ट से अतिरिक्त समय मांगा है।

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