इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों व कॉलेजों की फीस वसूली पर सरकार व विपक्षियों से मांगा जवाब

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान प्राइवेट स्कूल व कॉलेजों की मनमानी फीस वसूली पर रोक लगाने की मांग को लेकर जनहित याचिका नियमानुसार दाखिल करने का आदेश दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 06:48 PM (IST) Updated:Mon, 01 Jun 2020 06:57 PM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों व कॉलेजों की फीस वसूली पर सरकार व विपक्षियों से मांगा जवाब
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों व कॉलेजों की फीस वसूली पर सरकार व विपक्षियों से मांगा जवाब

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान प्राइवेट स्कूल और कॉलेजों द्वारा मनमानी फीस वसूली पर रोक लगाने की मांग को लेकर जनहित याचिका नियमानुसार दाखिल करने का आदेश दिया है। साथ ही उक्त मामले में राज्य सरकार व विपक्षियों से जवाब मांगा है। याचिका को सुनवाई के लिए जून के दूसरे हफ्ते में पेश करने का आदेश दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल व न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने अधिवक्ता आदर्श भूषण की जनहित याचिका पर दिया है। कोर्ट ने याची से कहा है कि वह इंटरवीनर सहित विपक्षियों को पक्षकार बनाते हुए जनहित याचिका दाखिल करे। अभी पत्र याचिका की सुनवाई हो रही थी।

हाई कोर्ट ने कहा कि लॉकडाउन हटा लिया गया है। राज्य सरकार ने सात अप्रैल, 2020 के शासनादेश से लॉकडाउन अवधि में फीस न जमा करने वाले छात्रों का नाम न काटने का निर्देश जारी किया है। ऐसे में याचिका की कोई अर्जेंसी नहीं है। याचिका में स्कूल प्रबंधन पर जबरन फीस वसूली पर रोक लगाने और कुछ समय के लिए वसूली टालने की मांग की गई थी।

यह है सरकार का आदेश : उत्तर प्रदेश सरकार ने सात अप्रैल, 2020 को आदेश दिया था कि कोरोना संक्रमण की वजह से किए गए लॉकडाउन के दौरान स्कूल संचालकों ने यदि अभिभावकों को एडवांस फीस जमा करने के लिए परेशान किया तो उन पर कार्रवाई होगी। माध्यमिक शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव आराधना शुक्ला ने आदेश जारी कर कहा था कि अगर इस स्थिति में परेशानी के चलते कोई अभिभावक फीस जमा करने में सक्षम नहीं है तो स्कूल प्रबंधन लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार करें। अभिभावकों से सिर्फ मासिक फीस ही लें। जबरन फीस वसूली की शिकायतों पर सभी डीएम और डीआईओएस को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। आदेश में कहा गया था कि कई अभिभावक इस समय आर्थिक संकट से भी जूझ रहे हैं, इसलिए जरूरी हो तो स्कूल ऐसे में केवल मासिक फीस ही जमा कराएं।

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