इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, चेक बाऊंस केस में समझौते के बाद रद हो सकती है आपराधिक कार्यवाही

आपराधिक मुकदमे के पक्षों के बीच समझौता होने के आधार पर हाईकोर्ट अपनी अंतर्निहित शक्तियों का प्रयोग कर केस कार्यवाही रद् कर सकता है। कहा कि हाईकोर्ट को न्याय हित में न्यायिक प्रक्रिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए धारा 482 की शक्तियों का प्रयोग करने का अधिकार है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 12:32 AM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 01:07 PM (IST)
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, चेक बाऊंस केस में समझौते के बाद रद हो सकती है आपराधिक कार्यवाही
आपराधिक मुकदमे के पक्षों के बीच समझौता होने के आधार पर हाईकोर्ट केस कार्यवाही रद सकता है।

प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि परक्राम्य विलेख अधिनियम की धारा 138 के तहत आपराधिक मुकदमे के पक्षों के बीच समझौता होने के आधार पर हाईकोर्ट अपनी अंतर्निहित शक्तियों का प्रयोग कर केस कार्यवाही रद् कर सकता है। यह भी कहा कि हाईकोर्ट को न्याय हित में न्यायिक प्रक्रिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए धारा 482 की शक्तियों का प्रयोग करने का अधिकार है।

मजिस्ट्रेट की अदालत में चल रही आपराधिक मुकदमे की कार्यवाही रद

इस फैसले के साथ ही हाई कोर्ट ने मथुरा में वृंदावन थाना क्षेत्र निवासी योगेन्द्र गोस्वामी के खिलाफ अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में चल रही आपराधिक मुकदमे की कार्यवाही रद कर दी है। इससे पहले याची अधिवक्ता ने विपक्षी मनोज कुमार के अधिवक्ता को चेक अनादर की राशि चार लाख 50 हजार का चेक के माध्यम से वापस किया। यह आदेश न्यायमूर्ति शमीम अहमद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के स्थापित विधि सिद्धांतों पर विचार करते हुए दिया है। दोनों पक्षों में धनराशि को लेकर समझौता हो गया और राशि प्राप्त करने के बाद आपराधिक केस समाप्त करने पर सहमति बनी। कोर्ट ने कहा न्यायिक हित में कोर्ट को आपराधिक केस कार्यवाही रद करने का अधिकार है।

इंडियन आयल कारपोरेशन के अधिकारी तलब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि इंडियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड के अधिकारी कोर्ट के निर्देश को गंभीरता से नहीं लेते जिसके चलते कारपोरेशन के अधिकारियों के खिलाफ भारी संख्या में अवमानना याचिकाएं दाखिल हो रही है। कोर्ट ने कारपोरेशन के सक्षम प्राधिकारी को रिकॉर्ड के साथ 30 सितंबर को हाजिर होने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने वाराणसी के बृजभान यादव की अवमानना याचिका पर दिया है। कोर्ट ने जानना चाहा है कि कोर्ट आदेश के अनुपालन की जवाबदेही तय करने का क्या तरीका है। इसकी प्रक्रिया कैसी है। निगम के खिलाफ कितने अवमानना के केस लंबित है और आदेश का पालन न करने या पालन में देरी करने वाले अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की गई। कोर्ट ने निगम को आदेश की प्रति सीजेएम वाराणसी के मार्फत भेजने का निर्देश दिया है। याची की पेट्रोल पंप आउटलेट डीलरशिप लाइसेंस की अर्जी खारिज कर दी गई थी जिस पर हाईकोर्ट ने निगम को याची को सुनकर सकारण आदेश पारित करने का आदेश दिया। सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा है। आदेश का पालन न करने पर सीनियर मैनेजर  सुबोध कुमार, इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड के खिलाफ यह अवमानना याचिका दायर की गई है। सुनवाई 30 सितंबर को होगी।

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