भविष्य में मिलने वाले लाभ के लिए हस्तक्षेप से हाई कोर्ट का इनकार, कहा- लाभ न देने पर करें शिकायत

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि भविष्य में मिलने वाले लाभ के लिए जिसका इनकार ही न किया गया हो कोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकती।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 12:18 AM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 12:18 AM (IST)
भविष्य में मिलने वाले लाभ के लिए हस्तक्षेप से हाई कोर्ट का इनकार, कहा- लाभ न देने पर करें शिकायत
भविष्य में मिलने वाले लाभ के लिए हस्तक्षेप से हाई कोर्ट का इनकार, कहा- लाभ न देने पर करें शिकायत

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि भविष्य में मिलने वाले लाभ के लिए जिसका इनकार ही न किया गया हो, कोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकती। हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग में विभिन्न पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को वर्कचार्ज कर्मचारी के रूप में की गई सेवा अवधि को सभी परिलाभ देने में जोड़ने का समादेश जारी करने से इनकार कर दिया है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि सभी याची सेवारत हैं, कोई सेवानिवृत्त होने वाला नहीं है। विभाग ने वर्कचार्ज सेवा अवधि को परिलाभों के भुगतान के लिए जोड़ने से इनकार भी नहीं किया है। ऐसे में याचिका दायर करने का कोई औचित्य नहीं है। भविष्य में यदि विभाग वर्कचार्ज सेवा अवधि परिलाभों के भुगतान के लिए जोड़ने से इनकार करे, तब उसे उचित फोरम में उठा सकते हैं।

यह आदेश न्यायमूर्ति आरएन तिलहरी ने सतीशचंद्र श्रीवास्तव व अन्य कर्मचारियों की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याचियों का कहना था कि वे लोक निर्माण विभाग में वर्कचार्ज कर्मचारी के रूप में कार्यरत थे। उन्हें विभाग में ही स्थायी नियुक्ति मिल गयी है। सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के कई फैसलों का हवाला देते याचिका दाखिल की गई कि सेवा परिलाभों के लिए वर्कचार्ज सेवा अवधि भी जोड़ी जाए।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि फैसलों में पेंशन आदि के भुगतान के लिए वर्कचार्ज सेवा अवधि जोड़ने का समादेश जारी किया गया है। याची सेवानिवृत्त नहीं हुए हैं, इसलिए उन्हें इस फैसले का अभी लाभ नहीं दिया जा सकता। फैसला विभाग पर बाध्यकारी है। समय आने पर इसका लाभ याचियों को अवश्य मिलेगा। यदि नहीं मिलता तो वे उचित फोरम में मुद्दा उठा सकते हैं।

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