इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की शिक्षिका की सेवा समाप्ति आदेश पर लगाई रोक

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति पाने की आरोपी कस्तूरबा विद्यालय की शिक्षिका की सेवा समाप्ति आदेश पर रोक लगा दी है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sun, 20 Sep 2020 12:13 AM (IST) Updated:Sun, 20 Sep 2020 12:13 AM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की शिक्षिका की सेवा समाप्ति आदेश पर लगाई रोक
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की शिक्षिका की सेवा समाप्ति आदेश पर लगाई रोक

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति पाने की आरोपी कस्तूरबा विद्यालय की शिक्षिका की सेवा समाप्ति आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने याची को अंशकालिक अध्यापिका के रूप में कार्य करने देने तथा मानदेय का भुगतान करने का भी निर्देश दिया है। कोर्ट ने फर्जी दस्तावेज से नौकरी हासिल करने के मामले में प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय आराजी लाइंस वाराणसी में नियुक्त अध्यापिका सरिता आर्या ने याचिका दाखिल कर सेवा समाप्ति आदेश को चुनौती दी है।

यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने अन्य याचिकाओं में पारित आदेश को देखते हुए दिया है। याची के अधिवक्ता सुदर्शन सिंह का कहना था कि याची को 17 जुलाई, 2020 को सेवा से हटा दिया गया उसके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर दिये गए मानदेय की वसूली करने का आदेश दिया है। याची फर्जी अंकपत्रों के आधार पर नियुक्ति पाने का आरोप है।

याची हिंदी विषय की पूर्णकालिक अध्यापिका है। अधिवक्ता का कहना था कि कोर्ट ने इसी प्रकार के एक अन्य मामले में सेवा समाप्ति पर रोक लगाते हुए वेतन सहित बहाल करने का आदेश दिया है। इस प्रकरण में भी ऐसे ही आदेश की मांग की गई। कोर्ट ने राम चरित्र यादव व अन्य के मामले में 31 अगस्त को दिए आदेश को याची के संबंध में भी देते हुए दोनों याचिकाओं को एक साथ सुनवाई के लिए प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

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