Allahabad High Court : नियुक्ति तारीख से निर्धारित होगी नियमित वर्कचार्ज कर्मी की पेंशन

Allahabad High Court राज्य सरकार का कहना था कि 21 अक्टूबर 2020 को अध्यादेश आया जो अब कानून बन गया है। इसके तहत याची कर्मी का नियमित होने से कंटीजेंसी फंड बना इसलिए इसी समय से पेंशन पाने का हकदार है। वर्क चार्ज सेवा को क्वालीफाइंग सॢवस नहीं माना जाएगा।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 08:30 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 08:30 PM (IST)
Allahabad High Court : नियुक्ति तारीख से निर्धारित होगी नियमित वर्कचार्ज कर्मी की पेंशन
स्थायी या अस्थायी नियुक्ति तारीख से क्वालीफाइंग सर्विस मानी जाएगी।

प्रयागराज,जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सिंचाई विभाग झांसी से सेवानिवृत्त हेल्पर की अस्थायी सेवा अवधि शामिल करके पेंशन निर्धारण के एकल पीठ के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार की विशेष अपील पर हस्तक्षेप से इन्कार कर दिया है।

खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार ने जवाबी हलफनामा मे स्वयं स्वीकार किया है कि याची भानु प्रताप शर्मा हेल्पर के पद पर वर्क चार्ज के रूप में 1979 को नियुक्त हुए, जबकि 2006 में उनकी सेवा नियमित की गयी। वह 31 जनवरी, 2017 को सेवानिवृत्त हुए। कोर्ट ने सेवानिवृत्ति परिलाभ नियमावली 61 व रेग्युलेशन 361 व 370 में क्वालीफाइंग सॢवस की परिभाषा दिया। कहा कि स्थायी या अस्थायी नियुक्ति तारीख से क्वालीफाइंग सॢवस मानी जाएगी।

विभाग ने भी उसकी वर्क चार्ज सेवा को आधार मानकर नियमित किया है। ऐसे में सरकार उसे लाभ से वंचित नहीं कर सकती। कोर्ट ने एकल पीठ के फैसले को सही करार देते हुए राज्य सरकार की विशेष अपील खारिज कर दी है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश संजय यादव व न्यायमूॢत प्रकाश पाडिया की खंडपीठ ने दिया है। अपील पर अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता सुभाष राठी व कर्मी की तरफ से अधिवक्ता प्रमेंद्र प्रताप सिंह ने बहस की।

राज्य सरकार का कहना था कि 21 अक्टूबर, 2020 को अध्यादेश आया जो अब कानून बन गया है। इसके तहत याची कर्मी का नियमित होने से कंटीजेंसी फंड बना, इसलिए इसी समय से पेंशन पाने का हकदार है। वर्क चार्ज सेवा को क्वालीफाइंग सॢवस नहीं माना जाएगा। कोर्ट ने इस तर्क को अस्वीकार कर दिया।

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