Allahabad High Court: सिख परिवार के उत्पीड़न में पुलिस के खिलाफ हो ठोस विभागीय कार्रवाई

याची अपनी दो बहनों के साथ दो मई 2021 को गमी में शामिल होने पीलीभीत से लखीमपुर खीरी कार में जा रहा था। उसे सुबह नौ बजे अनाज मंडी पर पुलिस ने रोककर गाड़ी के कागज मांगे। कागज दिखाने में देर होने पर पुलिसकर्मी गाली-गलौज करने लगे

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Tue, 05 Oct 2021 06:50 PM (IST) Updated:Tue, 05 Oct 2021 06:50 PM (IST)
Allahabad High Court: सिख परिवार के उत्पीड़न में पुलिस के खिलाफ हो ठोस विभागीय कार्रवाई
हाई कोर्ट ने कहा, तीन माह में पूरी कर ली जाए कार्रवाई

प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पीलीभीत पूरनपुर पुलिस द्वारा कोतवाली ले जाकर सिख परिवार को थर्ड डिग्री टार्चर करने व आपराधिक केस में लिप्त बताने वाली एफआइआर की निष्पक्ष विवेचना का निर्देश दिया है। कहा कि पुलिस अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई की जाय। कोर्ट ने दोनों कार्रवाई तीन माह में पूरी करने का निर्देश दिया है। कहा कि उत्पीडऩ के आरोपित पुलिस अधिकारियों का निलंबन या तबादला केवल दिखावा है। उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जानी चाहिए।

बहनों समेत गमी में जाते वक्त रोका था पुलिस ने

यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी व न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने रेशम सिंह की याचिका पर दिया है। याचिका में घटना की निष्पक्ष जांच कराने, दोषी पुलिस अधिकारियों की तत्काल गिरफ्तारी करने व कोर्ट की मानीटरिंग करने की मांग की गई थी। याची अपनी दो बहनों के साथ दो मई 2021 को गमी में शामिल होने पीलीभीत से लखीमपुर खीरी कार में जा रहा था। उसे सुबह नौ बजे अनाज मंडी पर पुलिस ने रोककर गाड़ी के कागज मांगे। कागज दिखाने में देर होने पर पुलिसकर्मी गाली-गलौज करने लगे। विरोध करने पर याची को कोतवाली लाकर मारा-पीटा। दूसरे दिन एफआइआर दर्ज करा दी गई।

गृह मंत्रालय में शिकायत के बाद कार्रवाई

कोतवाली पुलिस की कारगुजारी का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ तो सिखों में उबाल आ गया। दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी ने गृह मंत्रालय में शिकायत की तो याची की भी एफआइआर दर्ज की गई, परंतु एसपी ने घटना की प्राथमिक जांच किए बगैर पुलिस अधिकारियों का तबादला व निलंबन कर दिया। पुलिस पर इसके अलावा कोई दूसरी विभागीय कार्रवाई न होने पर कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। हाई कोर्ट ने याचिका पर जवाब मांगा तो सीओ क्राइम बरेली श्वेता कुमारी ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि याची के खिलाफ कई धाराएं हटा ली गई हैं। इसके परिवार के खिलाफ कार्रवाई खत्म कर दी गई है। पुलिस के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। इस पर हाई कोर्ट ने पुलिस व याची दोनों की तरफ से दर्ज एफआइआर की निष्पक्ष जांच करने का निर्देश दिया है। साथ ही पुलिस पर विभागीय कार्यवाही करने के लिए कहा है।

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