इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश- जेलों में बढ़ती बंदियों की संख्या के मद्देनजर सीमित अवधि तक अग्रिम जमानत उचित

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण और जेलों में बढ़ती बंदियों की संख्या के मद्देनजर आरोपित अभियुक्त को निश्चित अवधि तक अग्रिम जमानत दी है। न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि ऐसी दशा में संक्रमण से आरोपित के जीवन को जेल में खतरा उत्पन्न हो सकता है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 01:40 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 01:40 PM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश- जेलों में बढ़ती बंदियों की संख्या के मद्देनजर सीमित अवधि तक अग्रिम जमानत उचित
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आरोपित अभियुक्त को निश्चित अवधि तक अग्रिम जमानत दी है।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण और जेलों में बढ़ती बंदियों की संख्या के मद्देनजर आरोपित अभियुक्त को निश्चित अवधि तक अग्रिम जमानत दी है। न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि ऐसी दशा में संक्रमण से आरोपित के जीवन को जेल में खतरा उत्पन्न हो सकता है। साथ ही जेल में कोरोना संक्रमण बढ़ने की आशंका हो सकती है।

अदालत ने कहा है कि संक्रमण के दौरान आरोपी को सीमित अवधि के लिए अग्रिम जमानत देना उचित है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने गाजियाबाद के प्रतीक जैन की अर्जी पर दिया है। याची एक धोखाधड़ी केस में आरोपित है। उसके विरुद्ध सिहानी गेट थाने में विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज है। न्यायालय ने याची की सीमित अवधि तीन जनवरी 2022 तक के लिए अग्रिम जमानत मंजूर की है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में जेलों में भीड़भाड़ होने से रोकने के लिए निर्देश दिया है। इस निर्देश की अनदेखी करजेलों में भीड़ बढ़ाने का निर्देश नहीं दिया जा सकता। अदालत का कहना था कि सरकारी वकील भी यह आश्वासन नहीं दे पा रहे हैं कि आरोपित को जेल में कोरोना संक्रमण के खतरे से बचाया जाएगा। जेल के अंदर संपर्क में आने वालों के साथ इस महामारी के फैलने से इन्कार नहीं किया जा सकता।

chat bot
आपका साथी