Allahabad High Court News: विवाहिता पुत्री को आश्रित कोटे में नियुक्ति पर विचार करने का निर्देश

Allahabad High Court News याची के अधिवक्ता घनश्याम मौर्य का कहना था कि याची के पिता जगदीश सिंह थर्मल पावर प्रोजेक्ट में सहायक एकाउंटेंट थे। उनकी मौत 5 दिसंबर 20 को हो गई। याची ने आश्रित कोटे में नियुक्ति की अर्जी दी। चीफ इंजीनियर ने याचिका खारिज कर दी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 02:20 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 02:20 PM (IST)
Allahabad High Court News: विवाहिता पुत्री को आश्रित कोटे में नियुक्ति पर विचार करने का निर्देश
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति पर तीन माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चीफ इंजीनियर लेवल-1 परीक्षा थर्मल पावर प्रोजेक्ट झांसी को याची की मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति पर तीन माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने गुंजन आर्या की याचिका पर दिया है।

याची ने आश्रित कोटे में नियुक्ति की अर्जी दी थी

याची के अधिवक्ता घनश्याम मौर्य का कहना था कि याची के पिता जगदीश सिंह थर्मल पावर प्रोजेक्ट में सहायक एकाउंटेंट थे। उनकी मौत 5 दिसंबर 20 को हो गई। याची ने आश्रित कोटे में नियुक्ति की अर्जी दी। चीफ इंजीनियर ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि याची शादीशुदा है। परिवार में शामिल नहीं है, जिसे चुनौती दी गई। विमला श्रीवास्तव केस में कोर्ट ने कहा है कि विवाहिता पुत्री भी विवाहित पुत्र की तरह मृतक आश्रितों कानून में परिवार में शामिल हैं। कोर्ट ने चीफ इंजीनियर के आदेश को रद कर दिया है तथा नये सिरे से आदेश पारित करने का निर्देश दिया है।

नवोदय विद्यालय में प्रवेश पर निर्णय लेने का निर्देश

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रधानाचार्य जवाहर नवोदय विद्यालय बरुआ सागर झांसी को प्रवेश परीक्षा में सफल याची को चौथी कक्षा में प्रवेश देने पर दो हफ्ते में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति मंजूरानी चौहान ने अंकित कुमार की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। कोर्ट ने याची को अपनी बात एक हफ्ते में प्रधानाचार्य को देने तथा उन्हें निर्णय लेने का निर्देश दिया है। याचिका पर अधिवक्ता घनश्याम मौर्य व विद्यालय की तरफ से राजेश त्रिपाठी ने बहस की। याची का कहना था कि अनिवार्य शिक्षा कानून के अंतर्गत चयन सूची 2021मे उसका नाम शामिल हैं। फिर भी प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।

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