Allahabad High Court: शिक्षा सत्र परिवर्तन पर सत्र लाभ देने और बकाया वेतन भुगतान का निर्देश

कोर्ट ने कहा है कि याची 30 जून 2015 से दोबारा कार्यभार ग्रहण करने की तिथि 22 अक्टूबर 2015 तक का अंगद यादव केस के फैसले के आलोक में बकाया वेतन पाने का हकदार है। यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने घनश्याम विश्वकर्मा की याचिका पर दिया है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 04:55 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 04:55 PM (IST)
Allahabad High Court: शिक्षा सत्र परिवर्तन पर सत्र लाभ देने और बकाया वेतन भुगतान का निर्देश
सहायक अध्यापक को शिक्षा सत्र बदलाव से मिले सत्र लाभ के बकाया वेतन का भुगतान करने का निर्देश दिया है।

प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीनियर बेसिक स्कूल, टिकर जनपद जालौन के सेवानिवृत्त सहायक अध्यापक को शिक्षा सत्र बदलाव से मिले सत्र लाभ के बकाया वेतन का भुगतान करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि याची 30 जून 2015 से दोबारा कार्यभार ग्रहण करने की तिथि 22 अक्टूबर 2015 तक का अंगद यादव केस के फैसले के आलोक में बकाया वेतन पाने का हकदार है। यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने घनश्याम विश्वकर्मा की याचिका पर दिया है।

सत्र बदलने में याची की कोई भूमिका नहीं

याचिका पर अधिवक्ता अनुराग शुक्ल ने बहस की। इनका कहना था कि याची को जून 20115 में सेवानिवृत्त होना था। सरकार ने शिक्षा सत्र में बदलाव किया। अब जुलाई से सत्र शुरू होने की बजाय अप्रैल से शुरू करने की घोषणा की गई। नियमानुसार अध्यापक यदि सत्र के बीच में सेवानिवृत्त हो रहा है तो छात्रों की पढ़ाई का नुक़सान बचाने के लिए सत्र के आखिर तक सेवा जारी रखने का प्रावधान है। सत्र बदलने से जो अध्यापक जून में सेवानिवृत्त हो रहे थे, उन्होंने नए सत्र का लाभ देने की मांग की। हाईकोर्ट ने अंगद यादव केस में कहा कि ज्वाइन कराकर सत्रांत तक कार्य करने दिया गया। याची को भी अक्टूबर में दोबारा ज्वाइन कराया गया किन्तु काम नहीं तो वेतन नहीं के सिद्धांत पर जून से अक्टूबर 2015 तक का वेतन नहीं दिया। कोर्ट ने कहा कि सत्र बदलने में याची की कोई भूमिका नहीं है। अंगद यादव केस के फैसले के तहत बकाया वेतन दिया जाए।

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